कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लगातार हमलों से परेशान RSS अब चल सकता है यह चाल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की जबरदस्त आलोचना करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संघ अपने एक कार्यक्रम में चर्चा के लिए बुला सकता है।
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस RSS) की जबरदस्त आलोचना करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संघ अपने एक कार्यक्रम में चर्चा के लिए बुला सकता है। संघ की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, अगले महीने आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत देश के प्रबुद्ध नागरिकों से 'भविष्य का भारत' : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' विषय पर संवाद करने वाले हैं। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए आरएसएस राहुल गांधी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) नेता सीताराम येचुरी को भी न्योता भेज सकता है।
आरएसएस का यह कार्यक्रम 17 से 19 सितम्बर तक तीन दिनों के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होगा। आरएसएस के मुताबिक, 'सरसंघचालक मोहन भागवत राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर संघ का विचार सब के सम्मुख रखेंगे।'
कार्यक्रम के लिए विभिन्न विचारधाराओं से लोगों को आमंत्रण करने पर विचार किया जा रहा है। आरएसएस के एक सूत्र ने कहा कि सूची तैयार की जा रही है। इसमें सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी को भी शामिल किया जा सकता है।
बता दें कि हाल ही में लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस की आलोचना करते हुए संगठन की तुलना सुन्नी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की। उन्होंने कहा था कि आरएसएस भारत के हर संस्थान पर कब्जा करना चाहता है और देश के स्वरूप को ही बदलना चाहता है।
उन्होंने कहा था, 'हम एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं जिसका नाम आरएसएस है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर आफ इंडिया) को बदलना चाहता है। भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो।'
वहीं आरएसएस ने उसकी तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से करने के लिए राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि कांग्रेस प्रमुख भारत को नहीं जानते इसलिए वह भगवा संगठन को समझ नहीं सकते।
आरएसएस ने राहुल गांधी द्वारा उसकी तुलना इस्लामिक स्टेट और मुस्लिम ब्रदरहुड से करने को लेकर उनकी आलोचना की है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इस तीन दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और चुनिंदा श्रोताओं के साथ संवाद करेंगे।
राहुल गांधी द्वारा हाल ही में आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड और आईएस के साथ करने समेत लगातार उनके द्वारा संघ पर निशाना साधने को लेकर पूछे गए सवाल पर कुमार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष जानकारी के अभाव में इस तरह के बयान देते हैं।
कुमार ने कहा, "अगर राहुल गांधी यह जानते कि किस तरह आईएस, मुस्लिम ब्रदरहुड और इस्लामिक आतंकवाद पूरी दुनिया को परेशान कर रहा है तो वह इस तरह की तुलना कभी नहीं करते।"
भारत के संबंध में राहुल गांधी की समझ पर सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि कोई जब तक देश को नहीं समझेगा तब तक आरएसएस को नहीं समझ सकता है।
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उन्होंने कहा, "कभी-कभी हमें लगता है कि वह खुद भी स्वीकार करते हैं कि वह देश को समझने की कोशिश कर रहे हैं। जिसने भारत को नहीं समझा, वह आरएसएस को कभी नहीं समझ सकता। आरएसएस को समझने के लिए पहले देश को समझना जरूरी है।"
आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि जब तक राहुल गांधी सर्वधर्म समभाव और वसुधव कुटुंबकम को नहीं समझेंगे तब वह आरएसएस को नहीं समझ पाएंगे।।
कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "ज्ञान के अभाव में वह ऐसी तुलना कर रहे हैं।"
कार्यक्रम में आमंत्रित लोगों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि समाजिक और सांस्कृतिक संगठनों, मीडिया, स्तंभकार, और विधिक क्षेत्र के श्रेष्ठजनों के अलावा विदेशी राजदूतों और उच्चायुक्तों को आरएसएस का नजरिया और राष्ट्रीय महत्व के विविध मसलों को जानने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
उनसे जब पूछा गया कि क्या आरएसएस के विचार का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा? कुमार ने कहा, "हम सभी राजनीतिक दलों से संपर्क करेंगे। सभी से अभिप्राय सभी राजनीतिक दलों से है।"
खासतौर से राहुल गांधी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "यह हमारा विशेषाधिकार है कि किन्हें आमंत्रित किया जाए। हम समाज के सभी वर्गो को शामिल करने का प्रयास करेंगे।"
हालांकि आएसएस पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी भी आमंत्रित होंगे।
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राहुल गांधी ने लंदन में भारतीय पत्रकार संघ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में एक बार फिर आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की। इससे पहले उन्होंने आरएसएस की तुलना आईएस से की थी।
गौरतलब है कि 7 जून को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होने की काफी आलोचना हुई थी और कांग्रेस पार्टी ने भी इसकी आलोचना की थी।
प्रणब मुखर्जी ने उस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को 'भारत माता का एक महान सपूत' बताया। मुखर्जी ने हेडगेवार के जन्मस्थल का दौरा किया था और आगंतुकों के लिए मौजूद किताब में लिखा था, 'मैं आज यहां भारत माता के महान सपूत को मेरी श्रद्धांजलि और सम्मान पेश करने आया हूं।'
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