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राष्ट्रपति चुनाव 2017: कौन बनेगा राष्ट्रपति, सांसद हरे तो विधायक गुलाबी रंग के बैलट पर देंगे अपना वोट

सोमवार को होने वाले 14 वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। मुख्य मुकाबला नेशनल जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष के उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच है।

Updated on: 17 Jul 2017, 06:49 AM

नई दिल्ली:

सोमवार को होने वाले 14 वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। मुख्य मुकाबला नेशनल जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष के उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच है। हालांकि मीरा कुमार के मुकाबले एनडीए उम्मीदवार कोविंद को ज्यादा बढ़त हासिल है।

कोविंद की जीत लगभग तय

राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट 10,98,903 है जिसमें आधे से ज्यादा एनडीए उम्मीदवार कोविंद के समर्थन में है। कोविंद के समर्थन में कुल 63 फीसदी वोट है। रामनाथ कोविंद जो बीजेपी के नेता भी रहे हैं उन्हें एनडीए के सहयोगी दलों के अलावा कई दूसरे क्षेत्रीय दलों का भी समर्थन हासिल है।

वहीं कोविंद के खिलाफ चुनाव में उतरीं मीरा कुमार को विपक्ष के मुख्य दलों का समर्थन प्राप्त है। विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव को दो विचारधाराओं की लड़ाई बता रहा है। राष्ट्रपति पद के दोनों ही मुख्य उम्मीदवार दलित समुदाय से आते हैं। दोनों नेता अलग-अलग राज्यों में जाकर अपने समर्थन में वोट जुटाने के लिए क्षेत्रीय दलों को विधायकों से मुलाकात की है।

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राष्ट्रपति चुनाव की सभी तैयारियां पूरी

सोमवार को होने वाला राष्ट्रपति चुनाव संसद भवन में करवाया जाएगा जहां लोकसभा और राज्यसभा के चुने हुए सदस्य के अलावा देश के सभी राज्यों के विधानसभा सदस्य इसमें वोट देंगे। वोटिंग सुबह 10 से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी। केंद्र शासित प्रदेश के प्रतिनिधि भी वोटिंग में शामिल होंगे। वोटों की गिनती 20 जुलाई को होगी और इसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिया जाएगा। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने से पहले 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति पद भार संभालेंगे।

चुनाव अधिकारियों के मुताबिक संसद भवन के रूम नंबर 62 में वोटिंग की व्यवस्था की गई है जहां राज्यवार बांटे गए टेबल के मुताबिक अपने राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर सांसद वोट देंगे। अधिकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी टेबल नंबर 6 पर वोट देंगे क्योंकि ये तीनों ही नेता उत्तर प्रदेश के जन प्रतिनिधि हैं। अधिकारी ने बताया कि कुल 6 टेबल होंगे। दिल्ली के विधायक टेबल नंबर वन से राष्ट्रपति के लिए अपना वोट देंगे।

रामनाथ कोविंद को विपक्ष के मुकाबले ज्यादा दलों का समर्थन

अगर हम राष्ट्रपति चुनाव के गणित को देखें तो बिहार के पूर्व राज्यपाल और एनडीए उम्मीदवार कोविंद को मीरा कुमार के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़त है। एनडीए का हिस्सा ना होते हुए भी जेडीयू और बीजू जनता दल ने कोविंद के समर्थन में वोट देने का फैसला किया है। जेडीयू के पास जहां 1.91 फीसदी वोट है वहीं बीजू जनता दल के पास 2.99 फीसदी वोट है।

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इन दोनों दलों के अलावा टीआरएस और एआईएडीएमके जैसी पार्टियों ने भी कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है। टीआरएस के पास जहां 2 फासदी वोट हैं वहीं AIADMK के पास 5.39 फीसदी वोट शेयर है। गौरतलब है कि एनडीए के राम नाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाने के ऐलान के बाद विपक्ष में फूट पड़ गई थी। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कोविंद के समर्थन का ऐलान कर दिया था जबकि महागठबंधन में शामिल आरजेडी और कांग्रेस ने मीरा कुमार को समर्थने देना का फैसला किया था।

राष्ट्रपति उम्मीदवार के समर्थन को लेकर आम आदमी पार्टी में भी मतभेद रहा है। पार्टी ने जहां विपक्ष के उम्मीदवार मीरा कुमार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और 1984 सिख देंगे का केस लड़ रहे एच एस फुल्का ने कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने का विरोध किया है।

बैलेट पेपर पर होगा राष्ट्रपति चुनाव

राष्ट्रपति चुनाव बैलेट पेपर पर होता है। सिंगल वोट यानी वोटर एक ही वोट देता है, लेकिन उसके पास कई उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता के हिसाब से वोट देने की आजादी होती है। वह बैलेट पेपर पर यह बताता है कि उसकी पहली दूसरी और तीसरी पसंद कौन है। यदि पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो सका, तो उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है। इसलिए इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है।

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राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी पार्टी ने अपने दल के विधायको और सांसदों को व्हिप जारी नहीं गिया है। विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने सभी दलों के प्रतिनिधियों से अपने अंतर आत्मा की आवाज पर वोट देने की अपील की है। लोकसभा सचिव अनूप मिश्रा इस चुनाव में रिटर्निंग अधिकारी हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में एक संसद के वोट को 708 मतों के बराबार माना जाता है जबकि विधायकों के वोट का आधार राज्य की जनसंख्या पर आधारित होती है। चुनाव अधिकारियों के मुताबिक हर चुनाव बूथ पर वोट देने वाली की संख्या के मुताबिक बैलेट पेपर होंगे। सांसद जहां हरे रंग के बैलेट पेपर पर वोट देंगे वहीं विधायकों को गुलाबी रंग के बैलेट पेपर पर वोट देना होगा। इसके साथ ही हर पोलिंग स्टेशन पर बैलेट के साथ जो कलम सासंदों और विधायकों को दिए जाएंगे उन्हें उसी से अपना वोट देना होगा।

2012 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी ने विपक्षी उम्मीदवार पीए संगमा को हराया था। प्रणब मुखर्जी को 69 फीसदी वोट मिले थे। चुनाव अधिकारियों ने कहा बैलेट पेपर को संसद भवन के मतदान केंद्र तक पहुंचा दिया गया है। वोट देने वाले प्रतिनिधियों को बैलेट पेपर और मतदान से जुड़ी हर व्यवहारिक जानकारी दे दी गई है। सांसदों को भी उनके सीरियल नंबर की जानकारी दे दी गई है।

20 जुलाई को होगी वोटों की गिनती

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अधिकारियों के मुताबिक वोटिंग खत्म होने के बाद सभी बैलेट बॉक्स को सोमवार की शाम ही स्ट्रांग रूम सुरक्षति पहुंचा दिया जाएगा। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर राज्यवार पड़ने वाले वोटों का डेटा तैयार करेंगे। इसके बाद सीधे 20 अगस्त को उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों और चुनाव पर्यवेक्षक की मौजूदगी में सील लगे बैलेट बॉक्स को खोला जाएगा।

गिनती के बाद चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को रिटर्निंग ऑफिसर सर्टिफिकेट देंगे। एयरपोर्ट से बैलेट पेपर को संसद भवन तक पहुंचाने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

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