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एनआरसी प्रक्रिया निष्पक्ष, किसी को सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगाड़ने देंगे: सोनोवाल

सोनोवाल का बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस कर असम की बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार पर आरोप लगाने के कुछ घंटे बाद आया है।

Updated on: 30 Jul 2018, 08:28 PM

नई दिल्ली:

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के पहले पूर्ण मसौदे के प्रकाशन पर खुशी जाहिर की और कहा कि सरकार किसी को भी राज्य के सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने की अनुमति नहीं देगी।

सोनोवाल का बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस कर असम की बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार पर आरोप लगाने के कुछ घंटे बाद आया है।

ममता ने आरोप लगाया कि असम की बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार पार्टी (बीजेपी) को वोट नहीं देने वाले लोगों की पहचान कर रही है और उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश कर रही है।

ममता बनर्जी ने कहा, 'वे भारतीय लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बना रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि वह जल्दी ही स्थिति का जायजा लेने के लिए पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल असम भेजेंगी।

सोनोवाल ने कहा, 'एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया निष्पक्ष व पारदर्शी है और यह सुप्रीम कोर्ट की प्रत्यक्ष निगरानी में हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट में हमारी पूरी निष्ठा है।'

सोनोवाल ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन में एनआरसी अंतिम तौर पर त्रुटिरहित एनआरसी तैयार करने में सक्षम होगी, जिसमें सभी वास्तविक भारतीय नागरिकों के नाम शामिल होंगे।'

सोनोवाल ने कहा, 'हमारी सरकार ने विभिन्न संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया है और यह सभी का सहयोग है कि राज्य सरकार पहले पूर्ण एनआरसी मसौदे के साथ आने में सक्षम रही है।'

उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के सभी वास्तविक भारतीय नागरिकों की वैध अधिकार सुनिश्चित करने व शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

सोनोवाल ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे डरे नहीं और कहा कि जिन लोगों को एनआरसी में अपना नाम नहीं मिला है, उन्हें अंतिम एनआरसी में अपना नाम सूचीबद्ध करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा।

असम सरकार ने सोमवार को एनआरसी का पहला पूर्ण मसौदा प्रकाशित किया। इसमें दस्तावेज में नाम शामिल करने के लिए आवेदन करने वाले कुल 3,29, 91384 लोगों में से 2,89,836,77 लोगों के नाम शामिल हैं।

सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार 40,07,707 लोगों के नाम एनआरसी से बाहर हैं।

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