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भारत ने ब्रिटेन से कहा, विजय माल्या ने 'ब्रिटिश कंपनियों' के लिए की मनी लॉन्डरिंग

लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में अगले महीने जब भारत के भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू होगी, तब यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस को उनके 'दोहरे अपराध' को साबित करना होगा।

Updated on: 22 Apr 2017, 08:27 AM

highlights

  • प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस को उनके 'दोहरे अपराध' को साबित करना होगा।
  • ब्रिटेन सरकार ने दावा किया है कि विजय माल्या ने भारत में बैंकों से 'ब्रिटिश कंपनियों' और 'बैंक खाते' के लिए मनी लॉन्डरिंग की है।

 

नई दिल्ली:

भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि भारत का पास विजय माल्या को वापस लाने का एक मजबूत मौका है। ब्रिटेन सरकार ने दावा किया है कि विवादास्पद टाइकून विजय माल्या ने भारत में बैंकों से 'ब्रिटिश कंपनियों' और 'बैंक खाते' के लिए मनी लॉन्डरिंग की है।

लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में अगले महीने जब भारत के भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू होगी, तब यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस को उनके 'दोहरे अपराध' को साबित करना होगा।

ब्रिटेन की अदालत में पूर्व शराब कारोबारी के खिलाफ अभियोजन पक्ष को उनकी ओर से भारतीय बैंकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने और ब्रिटिश कानून के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को साबित करना होगा।

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सीबीआई सूत्रों ने कहा कि हमने पूरे दस्तावेज ब्रिटिश सरकार से साझा किए हैं, लेकिन इस स्तर पर सबूतों से जुड़े कोई भी दस्तावेज वहां की अदालत में पेश नहीं किए जा सकते।'

अधिकारी ने कहा, 'प्रत्यर्पण की मांग के आधार पर जज को माल्या के दोहरे अपराध को लेकर संतुष्ट करना होगा। उनके खिलाफ प्राथमिक स्तर पर आरोप सिद्ध करने होंगे।'

सीबीआई और सरकारी अधिकारियों ने हमारे बताया कि यूनाइटेड किंगडम के कानूनों के मुताबिक बैंक फ्रॉड एक अपराध है। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग को सभी देश गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराध मानते हैं।

यही नहीं भारत सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के वकीलों को अदालत में यह भी बताना होगा कि यदि उनके खिलाफ भारत में ट्रायल चलता है तो किसी भी तरह से मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं होगा।

अधिकारी ने कहा कि आगे चलकर भारत सरकार का पक्ष रखने के लिए स्वतंत्र अधिवक्ता को हायर करने के फैसले पर विदेश मंत्रालय विचार करेगा।

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