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5000 किलोमीटर के दायरे वाले देशों के साथ खुले आकाश समझौते की तैयारी में भारत

खुला आकाश समझौते के तहत एयरलाइन्स कंपनियां एक देश से दूसरे देश के बीच में असीमित संख्या में उड़ाने ले जा सकती है

Updated on: 14 Jul 2017, 12:22 AM

नई दिल्ली:

खाड़ी देशों की प्रमुख एयरलाइन ओमान एयर के सीईओ पॉल ग्रेगोरोविट्च ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि भारत अपने 5000 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले देशों के साथ खुला आकाश समझौता करने की तैयारी में है।

खुला आकाश समझौते के तहत एयरलाइन्स कंपनियां एक देश से दूसरे देश के बीच में असीमित संख्या में उड़ाने ले जा सकती है।

मीडिया से मुखातिब होते हुए ग्रेगोरोविट्च ने कहा, ' अगर सरकार इस समझौते को दो सालों के भीतर अमल में लाने में सफल हो जाती है तो उनके कार्य करने के लिए अनुकूल वातावरण होगा।'

ओमान एयर के सीईओ ने यह दावा किया कि सरकार का यह फैसला 2020 तक अमल में आ सकता है।

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उन्होंने आगे बताया की अगर सरकार ये करने में सफल होती है तो भारत और ओमान की एयरलाइन्स दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। क्यूंकि ओमान एयरलाइन्स नयी उड़ाने लेन की तैयारी में है।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम पूरी तरह से सार्थक तभी होगा जब सरकार सैन्य हवाईअड्डों को भी घरेलु उपयोग के लिए मंजूरी दे।

राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन पॉलिसी 2016 के अनुसार, सरकार खुले आकाश समझौते में तभी प्रवेश कर सकती है जब सार्क (SAARC) देश और 5000 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले देश भी इसके लिए पारस्परिक रूप से तैयार हों।

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