चिदंबरम का मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर हमला, पूछा- क्या कठोर सैन्य नीति से हुआ आतंक का खात्मा?
कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद से कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर सवाल उठा रही है।
highlights
- चिदंबरम ने कश्मीर पर कहा, ये दावा किया गया था कि कठोर सैन्य गतिविधियों से घुसपैठ और आतंक का खात्मा होगा, क्या ऐसा हुआ?
- चिदंबरम ने कश्मीर समस्या के हल के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी और मनमोहन सिंह को भी याद किया
नई दिल्ली:
कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद से कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर सवाल उठा रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर में केंद्र सरकार के रुख और उसके बाद बिगड़े हालात को लेकर निशाना साधा है।
चिदंबरम ने नए साल से पहले पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि समय-समय पर हमें बड़ी निर्ममता से ये याद दिलाया जाता है कि जम्मू-कश्मीर राज्य से भी जुड़ा एक मुद्दा है।
एक के बाद एक कई ट्विट्स कर चिदंबरम ने कहा, 'इस तरह का वाकया 30-31 दिसंबर, 2017 की रात को हुआ, जब आतंकियों ने पुलवामा जिले के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हुए और तीन घायल हो गए। गुजरात चुनाव से पहले सरकार ने दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर का विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया, लेकिन ये स्पष्ट नहीं किया गया कि उनसे क्या करने को कहा गया है।
चिदंबरम ने कश्मीर में बढ़े आतंकवाद से संबंधित डाटा शेयर करते हुए कहा, 'ये दावा किया गया था कि कठोर और सख्त सैन्य गतिविधियों से घुसपैठ और आतंक का खात्मा होगा, क्या ऐसा हुआ?'
5. It was claimed that the hard, muscular, militaristic approach will put an end to infiltration and militancy. Has it? pic.twitter.com/AkT6ESrbJe
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 7, 2018
पूर्व वित्त मंत्री की ओर से साझा किये गये डाटा के मुताबिक, 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद कश्मीर में आतंकी घटना में बढ़ोतरी हुई है और अधिक जवानों ने शहादत दी।
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चिदंबरम ने गृहमंत्रालय के हवाले से बताया कि 2014 में 28 नागरिक, 110 आतंकवादी और 47 जवानों की मौत हुई। 2015 में 17 आम नागरिक, 108 आतंकवादी और 39 जवानों की मौत हुई। 2016 में 15 आम नागरिक, 150 आतंकी और 82 सुरक्षाबलों की मौत हुई। 2017 में 57 आम नागरिक, 218 आतंकवादी और 83 सुरक्षाबलों की मौत हुई।
चिदंबरम ने कश्मीर समस्या के हल के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी और मनमोहन सिंह को भी याद किया।
6. Wisdom lies in actively working to find a political solution to the issue of J&K. Both Mr A B Vajpayee and Dr Manmohan Singh will be remembered for their diligent efforts to find a solution to the issue.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 7, 2018
उन्होंने कहा कि बुद्धिमानी इसमें होगी कि सक्रिय तौर पर जम्मू-कश्मीर मसले का राजनीतिक हल निकाला जाए। सभी पक्षों से बातचीत के जरिए ही आगे का रास्ता निकाला जा सकता है।
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