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केंद्र सरकार ने हिंसा और मॉब लिंचिंग पर राज्यों को एडवाइजरी जारी की

एडवाइजरी में तीन सप्ताह के अंदर ऐसे स्थानों को चिन्हित करने को कहा है जहां पिछले पांच साल में भीड़ द्वारा हिंसा या हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है।

Updated on: 25 Jul 2018, 12:11 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का मान रखते हुए मंगलवार को हिंसा और मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) के मामलों के खिलाफ राज्य सरकारों को सोशल मीडिया सामग्री पर निगरानी रखने और जागरूकता अभियान शुरू करने के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम पुलिस अधीक्षक की रैंक के नोडल अधिकारी को नियुक्त करने के लिए कहा है।

केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा जारी एडवाइजरी में राज्यों से ऐसे संभावित अपराधियों या नफरत भरे भाषण, झूठी खबरों और भड़काऊ भाषण देने वाले संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए विशेष कार्य बल (एसटीएफ) गठित करने के लिए कहा गया है।

एडवाइजरी में तीन सप्ताह के अंदर ऐसे स्थानों को चिन्हित करने को कहा है जहां पिछले पांच साल में भीड़ द्वारा हिंसा या हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस संबंध 17 जुलाई को निर्देश जारी करने के बाद यह एडवाइजरी राज्यों और संघ शासित राज्यों को भेज दी गई है।

एडवाइजरी में प्रमुख रूप से कहा गया है कि नोडल अधिकारी जिले में सतर्कता, भीड़ द्वारा हिंसा या हत्या की प्रवृतियों की संभावना को लेकर स्थानीय खुफिया इकाइयों के साथ नियमित बैठक करे और किसी भी समुदाय या जाति के खिलाफ प्रतिकूल माहौल को खत्म करने के प्रयासों के अलावा इसे प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाए।

इस मुद्दे पर इस महीने यह दूसरी एडवाइजरी जारी की गई है।

सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने और सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की थी।

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