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कावेरी जल विवाद: रजनीकांत ने IPL पर चढ़ाया सियासी रंग, मैच सेलिब्रेट करना बताया 'शर्मनाक'

कावेरी जल विवाद में राजनीती से सियासत में कदम रखने वाले कमल हासन और रजनीकांत भी हिस्सा बन गए है।

Updated on: 08 Apr 2018, 02:19 PM

नई दिल्ली:

कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) का गठन करने की मांग को लेकर तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन जारी है। कावेरी जल विवाद में राजनीती से सियासत में कदम रखने वाले कमल हासन और रजनीकांत भी हिस्सा बन गए है।

रजनीकांत के दामाद और एक्टर धनुष, कमल हासन, रजनीकांत और चेन्नई में कावेरी विवाद को लेकर चल रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे।

कावेरी विवाद की आंच आईपीएल तक भी जा पहुंची है। 

आईपीएल मैचों को लेकर रजनीकांत ने कहा 'आईपीएल मैच सेलिब्रेट करना शर्मनाक है। मैं चैन्नई सुपर किग्स के खिलाड़ियों से भी कहना चाहूंगा कि वो भी कावेरी विवाद को लेकर विरोध दर्शाएं।'

रजनीकांत ने खिलाड़ियों से काली पट्टी पहनने की अपील की।

तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टियों ने आईपीएल मैचों के आयोजन पर सवाल उठाए थे। राज्य की अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) पार्टीे के नेता टीटीवी दिनाकरन ने लोगों से मैचों की अनदेखी करने की अपील की। चेन्नई में 10 अप्रैल को चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच मैच खेला जाना है। 

रजनीकांत ने कहा- 'पूरा राज्य कावेरी प्रबंधन बोर्ड की मांग कर रहा है। मैं पीएम मोदी जी से इस बारे में जल्द कदम उठाने का निवेदन करता हूं।'

रजनीकांत के आलावा तमिल एक्टर विजय और विशाल संगीतकार इलैयाराजा भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।

कावेरी विवाद पर तमिलनाडु में प्रदर्शनकारियों ने रेल व सड़क मार्ग को बाधित कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर सीएमबी का गठन करने से विफल रहने का आरोप भी लगाया। द्रमुक और उनके सहयोगियों ने गुरुवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तमिलनाडु आने पर काला झंडा दिखाने की चेतावनी भी दी है। 

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क्या है मामला ?

सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को कावेरी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटाकर 177.25 अरब घनफुट (टीएमसी) कर दिया है जो 2007 में अभिकरण की ओर आवंटित 192 अरब घनफुट से कम है। कर्नाटक का हिस्सा 14.75 अरब घनफुट बढ़ा दिया गया है।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 16 फरवरी के आदेश के छह हफ्ते के अंदर कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन के लिए कहा था। इसका गठन नहीं हुआ और केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस बोर्ड को लेकर कुछ स्पष्टीकरण मांगा है। तमिलनाडु के राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन केंद्र पर कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने का दबाव डाल रहे हैं।

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