Same Sex Marriage: CJI ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से किया इनकार
Same Sex Marriage: सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को याचिका पर सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिका में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग की थी
New Delhi:
Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट आज यानी मंगलवार को भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सीजेआई ने भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया. समलैंगिक विवाह मामले पर सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चार फैसले हैं, फैसलों में कुछ हद तक सहमति और कुछ हद तक असहमति होती है. उन्होंने कहा कि शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत द्वारा निर्देश जारी करने के रास्ते में नहीं आ सकता. अदालत कानून नहीं बना सकती बल्कि केवल उसकी व्याख्या कर सकती है और उसे प्रभावी बना सकती है.
Same-sex marriage | CJI DY Chandrachud says there are four judgements. CJI says there is a degree of agreement and there is degree of disagreement in the judgements. pic.twitter.com/MmSlZSCdlQ
— ANI (@ANI) October 17, 2023
आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को याचिका पर सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिका में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग की थी. अब जबकि सुप्रीम कोर्ट 11 दिन तक चली सुनवाई के बाद सुरक्षित रखे अपने फैसले को सुनाएगा तो भारत में समलैंगिक विवाह वैधता को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग जाएगी. वैवाहिक समानता मामला में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह कहना गलत है कि विवाह एक स्थिर और अपरिवर्तनीय संस्था है. अगर विशेष विवाह अधिनियम को खत्म कर दिया गया तो यह देश को आजादी से पहले के युग में ले जाएगा. विशेष विवाह अधिनियम की व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है या नहीं, यह संसद को तय करना है. इस न्यायालय को विधायी क्षेत्र में प्रवेश न करने के प्रति सावधान रहना चाहिए.
Same-sex marriage | CJI DY Chandrachud says he has dealt with the issue of judicial review and separation of powers.
— ANI (@ANI) October 17, 2023
"The doctrine of separation of powers means that each of the three organs of the State perform distinct functions. No branch can function any others' function.… pic.twitter.com/HiaulENmhN
समलैंगिक विवाह मामला में CJI ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक लोगों के साथ उनके यौन रुझान के आधार पर भेदभाव न किया जाए. सीजेआई ने केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक समुदाय के लिए वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच में कोई भेदभाव न हो और सरकार को समलैंगिक अधिकारों के बारे में जनता को जागरूक करने का निर्देश दिया. सरकार समलैंगिक समुदाय के लिए हॉटलाइन बनाएगी, हिंसा का सामना करने वाले समलैंगिक जोड़ों के लिए सुरक्षित घर 'गरिमा गृह' बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अंतर-लिंग वाले बच्चों को ऑपरेशन के लिए मजबूर न किया जाए.
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