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Lok Sabha Election: क्या है अलीगढ़ सीट का चुनावी इतिहास, जानें किन मुद्दों पर यहां पड़ेंगे वोट 

Lok Sabha Election : अलीगढ़ जिले के तहत सात विधानसभा सीटें हैं. ये हैं बरौली, अतरौली, छर्रा, कोल, अलीगढ़ और इग्लास हैं. 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सभी सातों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी.

Updated on: 07 Apr 2024, 12:00 AM

नई दिल्ली:

उत्तर भारत के सबसे अहम और 'हिन्दी बेल्ट की जान' कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से एक है अलीगढ़ संसदीय सीट, इस सीट का मिजाज जानेंगे लेकिन उससे पहले जानते हैं कि अलीगढ़ का इतिहास क्या है. 18वीं सदी से पहले अलीगढ़ को कोल के नाम से जाना जाता था. प्राचीन ग्रंथों में, कोल को एक जनजाति या जाति, किसी स्थान या पर्वत का नाम से जाना जाता था . जो बाद में एक रिहायसी क्षेत्र बन गया. बताया जाता है कि 18वीं सदी में शिया कमांडर नजाफ खान ने कोल क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया, और इसे अलीगढ़ नाम दिया. अलीगढ़ जिले के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोल, अलीगढ़ और इग्लास शामिल हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सातों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.

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अलीगढ़ संसदीय सीट के राजनीतिक इतिहास को देखें तो मुस्लिम क्षेत्र वाली इस सीट पर अब तक एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को जीत नहीं मिल सकी है. बड़ी बात यह है कि 1991 के बाद से अब तक हुए 8 चुनाव में 6 बार बीजेपी को जीत मिल चुकी है. 2014 में मोदी लहर में अलीगढ़ सीट भी बीजेपी के कब्जे में आ गई. सतीश कुमार गौतम बीजेपी के टिकट पर चुने गए. उन्होंने बीएसपी के अरविंद कुमार सिंह को 2,86,736 मतों के अंतर से हराया था.

भारतीय जनता पार्टी के सतीश कुमार गौतम ने बाजी मारी थी

2019 के चुनाव में अलीगढ़ संसदीय सीट को देखें तो यहां पर भारतीय जनता पार्टी के सतीश कुमार गौतम ने बाजी मारी थी. चुनाव में 14 उम्मीदवार मैदान में थे. लेकिन बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला था. चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच चुनावी गठबंधन था और यह सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में आई थी. 

सपा कांग्रेस का गठबंधन चुनावी मैदान मे है

देखा जाए तो इस बार भी हालात कुछ पहले जैसे ही है . भाजपा के सतीश गौतम चुनावी मैदान में तीसरी बार उतरे हैं जिनको बीएसपी के हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय चुनौती देते नजर आ रहे है . वहीं इस बार सपा कांग्रेस का गठबंधन चुनावी मैदान मे है . इस सीट से सपा ने चौधरी बिजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा हैं . अलीगढ़ कल्याण सिंह की धरती की वजह से जानी जाती है. बुद्धिजीवियों की इस धरती पर ब्राह्मण के साथ ही राजपूत वोटर्स की भी अच्छी खासी संख्या है. हालांकि यहां पर जातिगत समीकरण ज्यादा काम नहीं करते हैं.