Mizoram Election: तीन बार के CM 79 वर्षीय जोरमथांगा सबसे बड़े दावेदार, जानें कितनी संपत्ति के मालिक
Mizoram Election: आइजोल ईस्ट-1 विधानसभा सीट से जोरमथांगा सातवीं बार चुनाव लड़ने वाले हैं. मिजोरम में एक चरण में पूरे राज्य में 7 नवंबर को वोट डाले जा चुके हैं
highlights
- जोरमथांगा का जन्म 13 जुलाई 1944 को हुआ
- 1990 में लालडेंगा उनके राजनीतिक गुरु थे
- जोरमथांगा के पास कैश के रूप में 10 लाख रुपये हैं
नई दिल्ली:
मिजोरम चुनाव के बड़े चेहरों में जोरमथांगा का नाम सबसे आगे है. उन्हें सीएम पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है. जोरमथांगा मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के अध्यक्ष हैं. वे आइजोल ईस्ट-1 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं. वे यहां से सातवीं बार चुनाव लड़े. आपको बता दें कि मिजोरम में एक चरण में पूरे राज्य में 7 नवंबर को वोट डाले जा चुके हैं. सीएम जोरमथांगा के सामने जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने पार्टी के उपाध्यक्ष लालथानसांगा को उतारा गया. जोरमथांगा तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी के मिजोरम में चुनाव प्रचार के लिए आने पर उनके साथ वे मंच साझा नहीं करेंगे.
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जोरमथांगा चंपाई सीट से विजयी हुए थे
जोरमथांगा का जन्म 13 जुलाई 1944 को हुआ. वे 79 साल के बुजुर्ग हैं. जोरमथांगा इस बार कड़ी चुनौती पेश करने वाले हैं. वे 1965 में अपनी पढ़ाई के अंतिम वर्ष में मिजो नेशनल फ्रंट के साथ औपचारिक रूप से जुड़ गए थे. 20 फरवरी 1987 को मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था. तब मिजो नेशनल फ्रंट को राजनीतिक पार्टी का दर्जा मिला था. यहां हुए चुनाव में जोरमथांगा चंपाई सीट से विजयी हुए थे. वहीं पार्टी को 40 में से 24 सीटें प्राप्त हुई थीं.
मिजो नेशनल फ्रंट की पहली सरकार में जोरमथांगा वित्त और शिक्षा मंत्री बने थे. 1990 में लालडेंगा उनके राजनीतिक गुरु थे. उनके निधन के बाद जोरमथांगा पार्टी के नए अध्यक्ष हुए. मगर 1993 में पार्टी को कांग्रेस से जबजस्त हर मिली थी. मगर 1998 के चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट को यहां पर जीत हासिल हुई. जोरमथांगा पहली बार यहां के सीएम बने. 2003 के चुनाव में वे एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने. मगर 2008 के चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट को कांग्रेस के हाथों जबरदस्त शिकस्त मिली. जोरमथांगा को खुद दो जगहों से हार का सामना करना पड़ा.
2018 के चुनाव में दोबारा मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता मे आई
इसके बाद साल के 2013 के चुनाव में जोरमथांगा की पार्टी को दोबारा हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2018 के चुनाव में फिर मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता मे आई. उसने बीते 2 चुनावों में कांग्रेस से मिली हार का बदला लिया. इसके साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. एक बार फिर जोरमथांगा सीएम बने. जोरमथांगा अब तक तीन बार सीएम बन चुके हैं.
6.23 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति
चुनाव में दाखिल हलफनामे में जोरमथांगा ने बताया कि उनके पास कैश के रूप में 10 लाख रुपये हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास एक लाख के आसपास रकम है. अगर कुल संपत्ति की बात की जाए तो उनके पास 1.75 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मौजूद है. जोरमथांगा के हलफनामे के अनुसार उनके पास 6.23 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है.
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