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बजट 2018 : कृषि कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन - किसानों को लागत से डेढ गुना अधिक मिलेगा MSP

बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों की उम्मीदों को पूरा करते हुए उन्हें कृषि लागत का डेढ़ गुना दिए जाने का ऐलान किया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाते हुए 2022 तक सभी गरीबों को घर दिए जाने का ऐलान किया गया है।

Updated on: 01 Feb 2018, 02:23 PM

highlights

  • उम्मीद के मुताबिक केंद्र सरकार ने अपने बजट में खेती-किसानी को लेकर सौगातों की बौछार की है
  • किसानों की उम्मीदों को पूरा करते हुए उन्हें कृषि लागत का डेढ़ गुना दिए जाने का ऐलान किया है
  • किसानों के अलावा क्रेडिट कार्ड की सुविधा अब मछुआरों और पशुपालन से जुड़े लोगों को भी दी जाएगी

नई दिल्ली:

उम्मीद के मुताबिक केंद्र सरकार ने अपने बजट में खेती-किसानी को लेकर सौगातों की बौछार की है।

बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों की उम्मीदों को पूरा करते हुए उन्हें कृषि लागत का डेढ़ गुना दिए जाने का ऐलान किया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाते हुए 2022 तक सभी गरीबों को घर दिए जाने का ऐलान किया गया है।

गौरतलब है कि किसान लंबे समय से कृषि लागत का डेढ़ गुना अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग कर रहे थे, जिसे इस बजट में पूरा कर लिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक कुछ ही फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता था। उन्होंने कहा कि किसी भी फसल की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर जरूरी है कि सरकार उनकी फसल को खरीदे और सरकार इसके लिए व्यवस्था करेगी।

जेटली ने कहा, 'मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 1.5 गुना किया गया है।' इसके साथ ही खेती-किसानी के लिए दिए जाने वाले कर्ज के आवंटन को बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये दिया है।

गौरतलब है कि कृषि कर्ज के मद में सरकार ने 2017-18 के बजट में 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार ने इस मद में 9 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था।

पिछले बजट में सरकार ने फसल बीमा के लिए आवंटन को 5,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया था। वहीं नाबार्ड को लॉन्ग टर्म सिंचाई फंड के लिए 20,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। जबकि डेयरी डिवेलपमेंट के लिए 8,000 करोड़ रुपये दिए गए थे।

मौजूदा बजट में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की योजना का विस्तार कर दिया है। अब किसानों के अलावा क्रेडिट कार्ड की सुविधा अब मछुआरों और पशुपालन से जुड़े लोगों को भी दी जाएगी।

इसके साथ ही कृषि बाजार के विकास के लिए सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया है। जेटली ने कहा कि गांवों में 22 हजार हाटों को कृषि बाजार में तब्दील किया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाने के लिए 1200 करोड़ रुपये की राशि के साथ राष्ट्रीय बांस मिशन की शुरुआत की जाएगी।

जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे से बाहर रहने वाले फसलों मसलन आलू और प्याज के लिए ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन की शुरुआत की जाएगी।

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