मोदी सरकार की ओर से ज्वैलर्स को मिली बड़ी सुविधा, ऑनलाइन करा सकेंगे हॉलमार्किंग रजिस्ट्रेशन
ज्वैलर्स (Jewellers) अब पंजीकरण के लिए आवेदन तथा आवश्यक शुल्क जमा करने की प्रक्रियाएं ऑनलाइन माध्यम से पूरी कर सकेंगे. खास बात यह है कि आवेदन को प्रोसेस करने में किसी प्रकार का ह्यूमन इंटरफेस नहीं होगा.
नई दिल्ली:
Latest Jewellery News: आभूषण कारोबारी (Jewellers) अब ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं. केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने ज्वैलर्स (Gold Silver Rate Today) के पंजीकरण और पंजीकरण के नवीकरण की ऑनलाइन प्रणाली का शुभारंभ किया है. इसके साथ एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग (Hallmarking) केंद्रों की मान्यता और मान्यता का नवीकरण भी आसान हो गया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन मॉड्यूल्स से ज्वैलर्स (Gold Jewellery) और उन उद्यमियों के लिए व्यापार करना सुगम होगा, जिन्होंने हॉलमार्किंग और एसेयिंग केन्द्रों की स्थापना की है या जो इनकी स्थापना करना चाहते हैं.
एक जून 2021 से सोने के गहने व कलाकृतियों पर हॉलमार्किंग लागू होने के बाद कोई भी ठगी का शिकार नहीं होगा
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संवाददाताओं के साथ बातचीत में पासवान ने कहा कि अगले साल एक जून 2021 से सोने के गहने व कलाकृतियों पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की हॉलमार्किंग अनिवार्य रूप से लागू होने के बाद कोई गरीब ठगी का शिकार नहीं बनेगा. उन्होंने कहा कि सोने की ज्वैलरी और शिल्पवस्तुओं की होलमार्किंग अनिवार्य होने के कारण पंजीकरण करवाने के लिए आगे आने वाले ज्वैलरों की संख्या 5 लाख तक जाने की आशा है, जो वर्तमान में लगभग 31000 के स्तर पर है. ज्वैलर्स अब पंजीकरण के लिए आवेदन तथा आवश्यक शुल्क जमा करने की प्रक्रियाएं ऑनलाइन माध्यम से पूरी कर सकेंगे. खास बात यह है कि आवेदन को प्रोसेस करने में किसी प्रकार का ह्यूमन इंटरफेस नहीं होगा. कोई ज्वैलर जैसे ही अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन जमा करेगा, उसे पंजीकरण प्रदान कर दिया जाएगा.
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देश के 234 जिलों में 921 एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केंद्र
पंजीकरण संख्या की सूचना देते हुए उसे एक मेल और एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा और उस पंजीकरण संख्या का प्रयोग करके वह पंजीकरण प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकेगा. पासवान ने कहा कि हॉलमार्क की जाने वाली सोने की ज्वैलरी एवं शिल्पवस्तुओं की संख्या में भी बड़ा उछाल आएगा. अनुमानित है कि यह संख्या पांच करोड़ के वर्तमान स्तर से 10 करोड़ तक जा सकती है, जिससे एसेयिंग एवं होलमार्किंग केन्द्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत होगी. वर्तमान में, देश के 234 जिलों में 921 एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केंद्र हैं. उन्होंने कहा कि बीआईएस एसेयिंग और होलमार्किंग केंद्रों के कार्यप्रवाह के स्वचालन के मोड्यूल पर भी काम कर रहा है, जिसके दिसंबर 2020 तक तैयार होने की उम्मीद है.
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