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Budget 2024: जानिए कैसे और कौन तैयार करता है बजट? गुप्त रहती है पूरी प्रक्रिया

Union Budget 2024: एक फरवरी 2024 को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी.

Updated on: 18 Jan 2024, 10:09 PM

नई दिल्ली:

Union Budget 2024: हर साल केंद्र सरकार 1 फरवरी को देश का बजट पेश करती है. इस बार भी एक फरवरी 2024 को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इसे आम बजट कहा जाता है. इसमें सरकार अपनी राजस्व आय और खर्चों के अनुमान के बारे में जानकारी देती है. साथ ही बजट में ये भी बताया जाता है कि किन-किन तरीकों से सरकार को राजस्व आय मिल सकती है. किन-किन योजनाओं पर उस पैसे को खर्च किया जाएगा. भारतीय संविधान के 'अनुच्छेद 112' में आय-व्यय का लेखा-जोखा पेश करने के बारे में जानकारी दी गई है.

1860 में पहली बार पेश किया गया था बजट

बता दें कि भारत का पहला बजट ब्रिटिश सरकार ने 7 अप्रैल 1860 को पेश किया था. इस बजट को ब्रिटिश शासन काल में वित्त मंत्री रहे जेम्स विल्सन ने पेश किया था. वहीं आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. ये बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया था. जो 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए था. जबकि देश में गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को पेश किया गया था.

कौन तैयार करता है बजट? 

भारत का केंद्रीय बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार होता है. इसमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के कई अन्य मंत्रालय शामिल रहते हैं. वित्त मंत्रालय खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है, इस पर अलग-अलग मंत्रालय अपनी ओर से फंड की मांग बताते हैं. जिसके बाद वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economics Affairs) की \'बजट डिवीजन\' इसे तैयार करती है.  

कौन तैयार करता है बजट

देश का बजट तैयार करने की जिम्मेदारी योजना आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, प्रशासनिक मंत्रालय, वित्त मंत्रालय के पास होती है. इन मंत्रालयों और सरकार के कार्यालय के लोग ही बजट तैयार करते हैं.

कैसे तैयार होता है देश का बजट

बता दें कि केंद्रीय बजट बनाने की प्रक्रिया सामान्य स्थितियों में सितंबर से ही शुरू हो जाती है. इस दौरान आर्थिक मामलों के विभाग की बजट डिवीजन सभी मंत्रालयों, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों और रक्षाबलों को सर्कुलर जारी करता है. इसमें उनसे आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए उनके खर्चों का अनुमान लगाते और जरूरत के लिए फंड का ब्यौरा बनाने को कहा जाता है. उसके बाद अलग-अलग विभागों के बीच फंड देने को लेकर चर्चा होती है. इसके बाद बजट डिवीजन राजस्व विभाग, उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों, किसान संघों, ट्रेड यूनियनों, अर्थशास्त्रियों जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के हितधारकों के साथ चर्चा करने का बाद बजट तैयार किया जाता है.

बेहद गोपनीय होते हैं बजट दस्तावेज

गौरतलब है कि देश के बजट के दस्तावेज बेहद गोपनीय रहते हैं. बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी से लेकर अधीनस्थ कर्मचारी, स्टेनोग्राफर्स, टाइपराइटर्स, प्रिंटिग प्रेस के कर्मचारी और अन्य लोग दफ्तर में ही रहकर काम करते हैं. इस दौरान उन्हें घर जाने की भी इजाजत नहीं होती. गोपनीयता को बनाए रखने के लिए आखिरी वक्त पर उन्हें अपने परिवार से बात करने की भी परमिशन नहीं मिलती. इस दौरान बजट तैयार करने वाले और इसके प्रकाशन से जुड़े लोगों कड़ी निगरानी में रहते हैं. बजट प्रक्रिया में वित्तमंत्री का भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज होता है. जिसे बजट घोषणा से सिर्फ दो दिन पहले ही छपने के लिए भेजा जाता है. 

क्या है बजट निर्माण का उद्देश्य

दरअसल, बजट बनाने के दौरान सरकार का लक्ष्य आय के साधन बढ़ाते तथा योजनाओं के लिए धन आवंटन करना होता है. इसके अलावा देश की आर्थिक विकास दर में बढ़ोतरी करने के लिए योजनाएं बनाना, लोगों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने समेत गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के लिए योजनाएं बनाना भी बजट का हिस्सा होता है. यही नहीं देश में आधारभूत ढांचे के निर्माण, रेल, बिजली, सड़क के लिए धनराशि आवंटित करने के लिए भी बजट में जगह दी जाती है. सरकार की आय के प्रमुख साधनों में विभिन्न प्रकार के कर और राजस्व, सरकारी शुल्क, जुर्माना, लाभांश, दिए गए ऋण पर ब्याज जैसे तथ्य शामिल होते हैं.

विभागों को फंड बांटने की जिम्मेदारी

बता दें कि बजट के दौरान हर मंत्रालय चाहता है कि उसके विभाग के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड मिले. जिससे योजनाओं पर ज्यादा पैसा खर्च कर सके. हालांकि हर मंत्रालय की ये इच्छा पूरी नहीं होती. ऐसे में किस विभाग को कितनी रकम आवंटित करनी है इस बात का फैसला वित्त मंत्रालय अक्टूबर-नवंबर के दौरान अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक करते तय करता है. बैठक में प्रत्येक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी फंड आवंटन के लिए वित्त मंत्रालय के साथ बातचीत करते हैं.

क्या है हलवा सेरेमनी?

जब बजट के दस्तावेजों की छपाई शुरू होती है तो नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी की रस्म निभाई जाती है. जिसमें वित्त मंत्री बजट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच हलवा बांटा जाता है. इस रस्म के होने के बाद से बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों को सात दिन तक सबसे दूर रखा जाता है. इस दौरान वह किसी बाहरी व्यक्ति से संपर्क नहीं कर सकते. जब संसद में बजट पेश हो जाता है उसके बाद ही वह बाहर आते हैं.

राष्ट्रपति की अनुमति के बाद पेश होता है बजट

बजट पेश करने से पहले केंद्र सरकार को राष्ट्रपति की अनुमति लेनी होती है. इसके बाद इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जाता है. उसके बाद इसे संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है. आम बजट दो हिस्सों में बंटा होता है. पहले हिस्से में सामान्य आर्थिक सर्वे और नीतियों का ब्यौरा होता है जबकि दूसरे हिस्से में आने वाले साल के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष करों के प्रस्ताव होते हैं.