दक्षिण कोरिया में भारी बारिश ने मचाई तबाही, बाढ़ में अब तक 39 लोगों की मौत
South Korea Floods: दक्षिण कोरिया में इनदिनों भारी बारिश और बाढ़ से हालात खराब में देशभर में अब तक बाढ़ से 39 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.
highlights
- दक्षिण कोरिया में भारी बारिश से आई बाढ़
- बाढ़ में अब तक 39 लोगों की मौत
- देश के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी
New Delhi:
South Korea Floods: उत्तर भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण कोरिया भी इनदिनों भारी बारिश और बाढ़ से बेहाल है. कोरियाई प्रायद्वीप के इस देश में बाढ़ से अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. दक्षिण कोरिया में बाढ़ से खराब हुए हालातों के लिए राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने आपदा प्रतिक्रिया नियमों का पालन करने में अधिकारियों की विफलता को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि मूसलाधार बारिश और बाढ़ से मरने वालों में एक अंडरपास में मारे गए दर्जनभर लोग के नाम भी शामिल हैं. बता दें कि दक्षिण कोरिया में जून के आखिर में मॉनसून सक्रिय होने के बाद बीते गुरुवार से ही भारी बारिश का सिलसिला जारी है. सबसे ज्यादा खराब हालात मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में हैं. जहां लगातार भारी बारिश हो रही है. दक्षिण कोरिया के गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश भर में अभी भी नौ लोग लापता हैं और 34 लोगों के घायल होने की जानकारी है.
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बाढ़ में बह गईं बस और कारें
बता दें कि चेओंगजू शहर में शनिवार को अचानक से नदी पर बना बांध ढहने से बाढ़ गई. बाढ़ का पानी एक अंडरपास में भर गया. जिससे कई गाड़ियां उसमें फंस गई. जिसमें 12 लोगों की जान चली गई. इस बाढ़ में एक बस समेत कुल 16 वाहनों के बहने की खबर है. इस हादसे में 9 लोग घायल भी हुए हैं. वहीं इस घटना ने बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने के दक्षिण कोरिया की कोशिशों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्योंकि इस अंडरपास से रोजाना गुजरने वाले ड्राइवरों को बाढ़ की भविष्यवाणी किए जाने के बावजूद वहां से गुजरने पर प्रतिबंध लगाने में विफल रहने के लिए सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है.
पिछले साल भी दक्षिण कोरिया में आई थी बाढ़
बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब दक्षिण कोरिया भारी बारिश और बाढ़ से परेशान है. पिछले साल भी दक्षिण कोरिया को बाढ़ का सामना करना पड़ा था. तब सरकार ने जलवायु परिवर्तन-प्रेरित आपदाओं से बेहतर ढंग से निपटने का वादा किया था. 2022 में सियोल में 115 सालों में सबसे भारी बारिश दर्ज की गई थी. जिसमें गंगनम का चमकीला जिला भी शामिल था, जहां कम से कम 14 लोगों की मौत हुई थी यहां सबवे, सड़कें और घर जलमग्न हो गए थे.
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राष्ट्रपति ने बुलाई बैठक
विदेश यात्रा से वापस लौटे राष्ट्रति यून ने सोमवार को आपदा प्रतिक्रिया पर एक इंट्रा-एजेंसी बैठक बुलाई और कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों के खराब प्रबंधन के कारण स्थिति और खराब हो गई है. बैठक के दौरान यून ने कहा कि, "हमने पिछले साल से बार-बार खतरनाक क्षेत्रों पर पहुंच नियंत्रण और पूर्वव्यापी निकासी पर जोर दिया है, लेकिन अगर आपदा प्रतिक्रिया के बुनियादी सिद्धांतों पर जोर नहीं दिया गया तो सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल है." इसके साथ ही राष्ट्रपति ने अधिकारियों से पीड़ितों को बचाने के लिए पूरी ताकत लगाने का आह्वान किया.
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