करतारपुर गुरुद्वारा आने वाले सिख श्रद्धालुओं को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं- पाकिस्तान
यह सख्ती से प्रतिबंधित है और धार्मिक उत्सव में यहां आने वाला कोई भी शख्स (सिख) अगर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हुआ, तो कार्रवाई की जाएगी.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर करतारपुर गलियारा खुलने के बाद यहां आने वाले सिख श्रद्धालुओं को किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी. इवैक्यूई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अध्यक्ष डॉ आमिर अहमद ने मीडिया से कहा, ‘धर्म स्थलों पर (गुरुद्वारों में) किसी भी राजनीतिक गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी. यह सख्ती से प्रतिबंधित है और धार्मिक उत्सव में यहां आने वाला कोई भी शख्स (सिख) अगर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हुआ, तो कार्रवाई की जाएगी.’
ईपीटीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो बंटवारे के बाद भारत चले गए हिन्दुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और धर्म स्थलों की देखरेख करता है. पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को चार मिनट लंबा वीडियो जारी किया था, जिसमें पृष्ठभूमि में खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले, उसके सैन्य सलाहकार शाबेग सिंह और अमरिक सिंह खालसा दिख रहे थे.
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इस बाबत सवाल करने पर अहमद ने कहा कि यह उनकी जानकारी में नहीं है, लेकिन सरकार यहां आने वाले सिखों की किसी भी राजनीतिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी. पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार सतवत सिंह ने इस पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, ‘ मुझे मामले की जानकारी नहीं है.’
बता दें कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व मनाने के लिए 1300 श्रदालुओं का जत्था मंगलवार को पाकिस्तान के लिए रवाना हो गया है. ये जत्था पाकिस्तान में स्थित अलग-अलग गुरुद्वारा के दर्शन कर 10 दिन बाद वापस भारत लौटेगा. श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने के लिए 1300 के करीब श्रद्धालु पाकिस्तान के लिए रवाना हुए एसजीपीसी सचिव रूप सिंह द्वारा श्रदालुओं को रवाना किया गया.
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इस मौके श्रदालुओं का कहना है कि जत्थे में गए श्रदालु पाकिस्तान में अलग-अलग गुरुद्वारा में प्रकाश पर्व मनाएंगे. उन्होंने कहा कि जिन श्रदालुओं के वीजे नहीं लगे, उसके लिए खेद है. दूसरी तरफ श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि प्रकाश पर्व मनाने का मौका उन्हें मिला है. उनकी तमना थी कि वह पाकिस्तान गुरुद्वारा में जाए और उनकी इच्छा पूरी हुई है.
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