Pervez Musharraf Birthday: करगिल युद्ध का विलेन था परवेज मुशर्रफ, जानें पाकिस्तान तानाशाह के बारे में सबकुछ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का जन्म भारत में हुआ था. विभाजन के बाद दिल्ली के दरियागंज में 11 अगस्त 1943 को जन्मे मुशर्रफ और उनके परिवार के लोग पाकिस्तान के कराची चले गए और वहां जाकर बस गए.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का जन्म भारत में हुआ था. विभाजन के बाद दिल्ली के दरियागंज में 11 अगस्त 1943 को जन्मे मुशर्रफ और उनके परिवार के लोग पाकिस्तान के कराची चले गए और वहां जाकर बस गए. पाकिस्तान सेना प्रमुख बनने के बाद उन्होंने नवाज शरीफ की सरकार का तख्ता पटल किया और पाकिस्तान के राष्ट्रपति बन गए. परवेज मुशर्रफ को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए करगिल युद्ध का विलेन माना जाता है. आइये जानते हैं कौन हैं पाकिस्तान के तानाशाह परवेज मुशर्रफ?
मुशर्रफ ऐसे बने थे सेना प्रमुख
जनरल परवेज मुशर्रफ ने साल 1961 में पाक सेना ज्वाइन की थी. उन्होंने सबसे पहला युद्ध भारत के खिलाफ साल 1965 में लड़ा था. इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया था. मुशर्रफ की अगुवाई में ही भारत से दूसरे युद्ध में साल 1971 में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद दिल्ली में जन्मा परवेज मुशर्रफ साल 1998 के अक्टूबर महीने में पाकिस्तान सेना के प्रमुख बने थे. इसके बाद उन्होंने साल 1999 में नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री के पद से हटाकर अपने पास सत्ता की बागडोर ले ली. हालांकि, पाकिस्तान में 2002 में हुए आम चुनाव में वे पूर्ण बहुमत से जीते थे.
करगिल युद्ध के लिए जिम्मेदार थे
भारत पाकिस्तान के बीच साल 1999 में हुए करगिल युद्ध के दौरान परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे. इस युद्ध में दुनिया के सामने पाकिस्तान को शर्मिंदा होना पड़ा था. करगिल युद्ध के लिए परवेज मुशर्रफ ही जिम्मेदार थे. उन्होंने सेना प्रमुख रहते हुए भारत को कई जख्म दिए थे, जिसे कभी भी भूलाया नहीं जा सकता था. जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की पहल की थी तो उस समय परवेज मुशर्रफ ही पीछे हट गए थे.
मुशर्रफ साल 2001 में अपने घर दिल्ली आए थे
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ साल 2001 में भारत दौरे पर आए थे. मुशर्रफ अपने दौरे के पहले दिन दिल्ली के उस घर में गए थे, जहां उनका बचपन बीता था. जो लोग उस वक्त उस मकान में रहते थे, उनमें से अधिकांश लोगों को नहीं पता था कि ये घर किसका है? इस मकान के कागजात उर्दू भाषा में है, जिसमें परवेज मुशर्रफ के पिता के अंग्रेजी में हस्ताक्षर थे. इसी साल 5 फरवरी 2023 को उनका दुबई के एक अस्पताल में 79 साल की उम्र में निधन हो गया था.
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