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मोहम्मद नशीद ने मांगी भारत से मदद, चीन ने कहा- मालदीव खुद सुलझा सकता है समस्या

चीन ने मंगलवार को उम्मीद जताई की मालदीव सरकार और विपक्षी पार्टियों के पास देश में उपजे राजनीतिक संकट को खुद सुलझाने की बुद्धिमत्ता है।

Updated on: 06 Feb 2018, 08:59 PM

नई दिल्ली:

मालदीव में आपातकाल की घोषणा के बाद वहां के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से सैन्य मदद और अमेरिका से आर्थिक प्रतिबंधों को लगाए जाने की अपील की है, वहीं चीन ने साफ किया है कि मालदीव अपनी इस समस्या को सुलझा सकता है।

चीन ने मंगलवार को उम्मीद जताई की मालदीव सरकार और विपक्षी पार्टियों के पास देश में उपजे राजनीतिक संकट को खुद सुलझाने की बुद्धिमत्ता है।

मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह मोहम्मद नशीद समेत विपक्षी पार्टियों के नौ सदस्यों को रिहा करने और 12 निष्कासित सांसदों को पद पर बहाल करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के विरोध में सोमवार रात को राष्ट्रपति यामीन ने देश में 15 दिनों के आपातकाल की घोषणा की। इसके बाद से मालदीव में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है।

सेना ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम को भी गिरफ्तार कर लिया है। अब्दुल्ला यामीन गयूम के सौतेल भाई गयूम ने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की अगुवाई वाली विपक्षी पार्टी को समर्थन दिया है। नशीद ब्रिटेन में आत्म-निर्वासित में हैं।

गौरतलब है कि चीन ने पिछले कुछ सालों के दौरान हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित मालदीव में अपने हितों का विस्तार किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'बीजिंग, मालदीव के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।'

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष बातचीत और संपर्क के द्वारा अपने मतभेदों को समाप्त कर सकते हैं। साथ ही देश में जल्द से जल्द राजनीतिक स्थिरता और राष्ट्रीय व सामाजिक स्थिरता बहाल हो सकती है।'

गेंग ने कहा, 'हमें विश्वास है कि मालदीव सरकार और राजनीतिक पार्टियां के पास खुद इस संकट को समाप्त करने की बुद्धिमत्ता और क्षमता है।'

प्रवक्ता ने कहा, 'हम यह भी चाहते हैं कि मालदीव अपने देश में चीनी लोगों, संस्थानों, परियोजनाओं को सुरक्षित बनाने के लिए तत्काल उपाय करे।'

वर्ष 2017 में मालदीव, पाकिस्तान के बाद चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला दूसरा देश बन गया था।

यामीन सरकार के इस समझौते के बाद मालदीव की विपक्षी पार्टी और भारत सरकार ने चिंता जताई थी।

भारत ने जताई चिंता

वहीं भारत ने इस पूरे मामले में सख्त प्रतिक्रिया देते हुए तनावपूर्ण स्थिति पर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और राजनेताओं की गिरफ्तारी पर चिंता जताते हुए कहा कि वह आपातकाल की घोषणा से स्तब्ध है।

भारत अपने नागरिकों के लिए पहले ही एडवाइजरी जारी कर उन्हें अगले आदेश तक एहतियात बरतने का आदेश दिया है।

मंत्रालय ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश को इनकार कर हम मालदीव में आपातकाल की घोषणा और नागरिकों के संवैधानिक अधिकार को निलंबित किए जाने से परेशान हैं।'

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