लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान की रविवार को मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली को प्रतिबंधित किया
पीटीआई सुरक्षा खतरों के बावजूद 19 मार्च को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक सार्वजनिक सभा आयोजित करने पर आमादा थे. पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) को इसका नेतृत्व करना था.
highlights
- लाहौर हाई कोर्ट ने पीटीआई की रैली पर लगाई रोक
- सुरक्षा खतरों के बावजूद रैली पर आमादा थी पीटीआई
- इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर चल रहा हिंसक संघर्ष
लाहौर:
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी को लाहौर उच्च न्यायालय (LHC) ने इस रविवार को इकबाल पार्क उर्फ मीनार-ए-पाकिस्तान में एक रैली आयोजित करने से प्रतिबंधित कर दिया है. अदालत ने इसके साथ ही निर्देश दिया कि लोगों को इसके बजाय उनकी दिनचर्या के हिसाब से काम करने दिया जाए. जियो न्यूज के मुताबिक पीटीआई सुरक्षा खतरों के बावजूद 19 मार्च को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक सार्वजनिक सभा आयोजित करने पर आमादा थे. पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) को इसका नेतृत्व करना था. एक दिन पहले पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने जमान पार्क के आसपास पुलिस अभियान को रोकने के प्रयास में एक उच्च न्यायालय याचिका दायर की थी. अदालत के आदेशों के अनुसार पुलिस ने तोशाखाना मामले में इमरान खान को हिरासत में लेने के लिए हस्तक्षेप किया.
अदालती आदेश से संघर्ष पर लगी अस्थायी रोक
जियो न्यूज में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान पुलिस को आज सुबह 10 बजे तक अभियान रोकने का आदेश दिया था, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री के घर में संघर्ष को शांत करने में मदद मिली, जो युद्ध के मैदान सा हो गया था. फिर भी जब न्यायाधीश तारिक सलीम शेख ने सुनवाई फिर से शुरू की, तो उन्होंने कहा कि न तो एलएचसी और न ही इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने पुलिस को अपदस्थ प्रधान मंत्री के गिरफ्तारी वारंट को पूरा करने से रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था. अदालत ने बाद में जारी फैसले में कहा कि कल लगाया गया आदेश अगली सुनवाई तक प्रभावी रहना चाहिए, जिसका अर्थ है कि ज़मान पार्क का संचालन कल तक के लिए निलंबित कर दिया गया है.
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पाकिस्तान पुलिस के खिलाफ पीटीआई है आंदोलनरत
बीते साल अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से बेदखल किए गए इमरान खान को गिरफ्तार करने के प्रयास में, पीटीआई कार्यकर्ता और कानून प्रवर्तन लगभग 24 घंटे की लड़ाई में लगे रहे. इस प्रक्रिया में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया और पार्टी समर्थकों ने मोलोटोव बम फेंकने का सहारा लिया. इस हिंसक संघर्ष में ज्यादातर पुलिस अधिकारी घायल हो गए, तो पीटीआई कार्यकर्ताओं को भी चोटें आईं. वर्ष की शुरुआत में एक विधायी वोट में सरकार से खान के इस्तीफे के बाद, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई. तब से उन्होंने देश भर में जल्द चुनाव कराने के लिए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया है. जियो न्यूज ने बताया कि इनमें से एक रैली के दौरान उन्हें गोली मारकर घायल कर दिया गया था.
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