UNGA में बोले विदेश मंत्री जयशंकर- वे दिन गए जब कुछ देश तय करते थे एजेंडा...
S Jaishankar In UNGA : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया है. उन्होंने अपने संबोधन में सबसे पहले कहा- भारत की ओर से नमस्ते!...
नई दिल्ली:
S Jaishankar In UNGA : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करते हुए कहा- भारत की ओर से नमस्ते!... उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद विश्व के सामने कई चुनौतियां हैं. सबसे अधिक दवाब विकासशील देशों पर है. इंडो पैसिफिक में Quad का अहम रोल है. हमारा UNGA के विषय को पूरा समर्थन है, जिसके तहत विश्वास के पुनर्निर्माण और वैश्विक एकजुटता को फिर से जगाने का प्रयास है.
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विदेश मंत्री में एस. जयशंकर ने UNGA में कहा कि ऐसे समय में जब पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण इतना तीव्र है और उत्तर-दक्षिण विभाजन इतना गहरा है, नई दिल्ली में हुए G20 शिखर सम्मेलन भी इस बात की पुष्टि करता है कि कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान हैं. वे दिन खत्म हो गए हैं जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और दूसरों से उसके अनुरूप चलने की उम्मीद करते थे.
एस. जयशंकर ने आगे कहा कि भारत की पहल की वजह से G-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता मिली है. ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी, जिसका काफी समय से हक रहा है. इस महत्वपूर्ण कदम से संयुक्त राष्ट्र, जो उससे भी पुराना संगठन है, सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि भारत विविध साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है. गुटनिरपेक्षता के युग से, अब हम 'विश्व मित्र - दुनिया के लिए एक मित्र' के युग में विकसित हो गए हैं. यह विभिन्न देशों के साथ जुड़ने और जहां आवश्यक हो, हितों में सामंजस्य स्थापित करने की हमारी क्षमता और इच्छा में परिलक्षित होता है. यह QUAD के तीव्र विकास में दिखाई देता है. यह BRICS समूह के विस्तार या I2U2 के उद्भव में भी समान रूप से स्पष्ट है.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बनाई है. आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं. तुर्की और सीरिया के लोगों ने यह देखा है. उन्होंने कहा कि हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है. मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें हैं. परिणामस्वरूप, हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं.
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आपको बता दें कि यूएनजीए को संबोधित करते एस जयशंकर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया था कि 125 देशों के 30,000 से अधिक प्रतिनिधि हमारी 'अतिथि देवो भव' की भावना के साक्षी बने.
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