Security Challenge: चीन से एक जैसी चुनौती का सामना कर रहे हैं भारत-अमेरिका
भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि इससे हमें यह सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा कि चीन भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए आधिपत्य स्थापित करने वाले के रूप में नहीं उभरे.'
highlights
- भारत और अमेरिका दोनों के सामने हैं समान सुरक्षा चुनौतियां
- हमारे समान मूल्य हैं और हमारे लोगों के बीच भी वर्षों से संबंध
वॉशिंगटन:
अमेरिका (America) अपने महत्वपूर्ण सैन्य साझेदार (Strategic Alliance) भारत की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान कर रहा है, जिसकी उसे चीन (China) के साथ अपनी सीमा की रक्षा करने और अपने स्वयं के रक्षा औद्योगिक आधार को विकसित करने की आवश्यकता पड़ सकती है. एक शीर्ष अमेरिकी कमांडर ने कहा है कि नई दिल्ली और वॉशिंगटन भारत-प्रशांत (Indo Pacific) क्षेत्र में बीजिंग से एकसमान सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहे हैं. यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल जॉन क्रिस्टोफर एक्विलिनो ने हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के सदस्यों को इंडो-पैसिफिक पर सुरक्षा चुनौतियां पर बताया, 'हम भारत (India) के साथ अपनी साझेदारी को महत्व देते हैं और हम समय के साथ इसे और आगे बढ़ा रहे हैं. भारत के लिए भी वही सुरक्षा चुनौतियां (Security Challenge) हैं, जो अमेरिका की प्राथमिक सुरक्षा चुनौती है. भारत के लिए उनकी उत्तरी सीमा से जुड़ी यह चुनौती वास्तविक है.'
भारतीय अमेरिकी सांसद ने रखा चीन के आक्रामक रवैया का मुद्दा
वह भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. रो खन्ना ने हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी में कहा, 'मैं चाहता हूं कि आप रिश्ते के महत्व पर विचार करें. उपनिवेशवाद के बाद भारत और चीन के बीच एशियाई आवाज के रूप में उभरने का रिश्ता था, लेकिन यह परस्पर संबंध अब वास्तव में इस चिंता के साथ खराब हो गए हैं कि एशिया में आधिपत्य जमाने के लिए चीन अन्य देशों को कनिष्ठ भागीदारों के रूप में देख रहा है.' भारतीय अमेरिकी सांसद ने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि इससे हमें यह सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा कि चीन भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए आधिपत्य स्थापित करने वाले के रूप में नहीं उभरे.'
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अमेरिकी कमांडर ने कहा हमारी सुरक्षा चुनौतियां एक
भारतीय अमेरिकी सांसद रो खन्ना की इस बात पर यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल जॉन क्रिस्टोफर एक्विलिनो ने कहा, 'भारत और अमेरिका दोनों के सामने समान सुरक्षा चुनौतियां हैं. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के आधार पर एक साथ काम करने की भी इच्छा रखते हैं. हमारे समान मूल्य हैं और हमारे लोगों के बीच भी कई वर्षों से संबंध हैं. उस सीमा पर पिछले नौ या 10 महीनों में अब तक दो झड़पें हो चुकी हैं, क्योंकि सीमा पर जबरन और एकतरफा लाभ के लिए पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना द्वारा दबाव डाला जा रहा है. इस बारे में हम फिर दोहरा सकते हैं कि भारत और अमेरिका की सुरक्षा चुनौतियां एक ही हैं और दोनों साथ-साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
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