अमेरिका गठबंधन सेना ने दूसरी बार Air Strike से किया इंकार, ईरान ने खटखटाया UN का दरवाजा
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंटोनियो गुटेरेस से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उसे आत्मरक्षा का अधिकार है.
highlights
- अमेरिका की गठबंधन सेना ने दूसरी बार यानी 4 जनवरी 2020 की सुबह बगदाद के ताजी इलाके में दूसरी बार एयर स्ट्राइक से इंकार किया है.
- अमेरिका ने ईरान पर दूसरी बार एयर स्ट्राइक की जिसमें 6 लोगों के मारे जाने और 3 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही थी.
- ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंटोनियो गुटेरेस से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उसे आत्मरक्षा का अधिकार है.
वाशिंगटन:
अमेरिका की गठबंधन सेना ने दूसरी बार यानी 4 जनवरी 2020 की सुबह बगदाद के ताजी इलाके में दूसरी बार एयर स्ट्राइक से इंकार किया है. बता दें कि आज सुबह मीडिया एजेंसी एएनआई की ओर से बताया गया था कि अमेरिका ने ईरान पर दूसरी बार एयर स्ट्राइक की जिसमें 6 लोगों के मारे जाने और 3 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही थी. बताया जा रहा था कि अमेरिका की दूसरी एयर स्ट्राइक में मारे गए लोग भी ईरान समर्थक मिलिशिया हश्द अल-शाबी के बताए गए थे. हालांकि स्थानीय समयानुसार रात करीब 1:12 बजे हुए इस हमले में किस कमांडर की मौत हुई है इसका खुलासा नहीं किया गया था. मालूम हो कि मिलिशिया हश्द अल-शाबी ईरान समर्थक पापुलर मोबलाइजेशन फोर्सेस का दूसरा नाम है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, अमेरिका की अगुवाई वाले गठबंधन बल के प्रवक्त ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उत्तरी बगदाद के ताजी इलाके में हालिया दिनों में कोई एयरस्ट्राइक नहीं की गई है.
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बता दें कि शनिवार, 3 जनवरी 2020 को इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज के अधीन काम करने वाले अर्धसैनिक समूहों के हवाले से रिपोर्टों में कहा गया था कि ताजी इलाके में कैंपों के पास हुए हवाई हमलों में मिलिशिया हश्द अल-शाबी के एक कमांडर समेत छह लोगों मारे गए थे.
ईरान ने यूएन को लिखा पत्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंटोनियो गुटेरेस से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों (International Laws) के तहत उसे आत्मरक्षा का अधिकार है.
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संयुक्त राष्ट्र में ईरानी राजदूत माजिद जख्त रावांची ने विश्व संस्था को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सुलेमानी की हत्या state terrorism का प्रत्यक्ष उदाहरण है. यह एक आपराधिक कृत्य और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है. यही नहीं यह कृत्य संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का भी उल्लंघन है. मालूम हो कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक के बाद पैदा हुए हालात पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव भी चिंता जता चुके हैं.
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