'डोनाल्ड ट्रंप' हैं घृणा अपराध से जुड़ी खबरों को सर्च करने के प्रमुख की-वर्ड!
अमेरिका के वर्जीनिया में पिछले सप्ताह श्वेत श्रेष्ठतावादियों की रैली के दौरान भड़की हिंसा से सभी सदमे में हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अमेरिका में इस तरह के अपराधों में तेज वृद्धि हुई है।
highlights
- प्रो पब्लिका के अनुसार, अमेरिका में घृणा अपराध सामान्य बात हो चुकी है
- घृणा अपराधों से जुड़ा कोई भी विश्वसनीय राष्ट्रीय स्तर का डाटाबेस उपलब्ध नहीं है
- हजारों लोगों ने बोस्टन की सड़कों पर नस्लवाद और नफरत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
नई दिल्ली:
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद घृणा अपराधों में कई गुणा तेजी आई है।
यही नहीं, घृणा अपराधों से जुड़ी खबरों को तलाशने के लिए डोनाल्ड ट्रंप सबसे प्रमुख कीवर्ड है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर घृणा अपराधों पर नजर रखने के लिए बनाई गई गूगल की वेबसाइट ने यह खुलासा किया है।
हाल ही में शर्लोट्सविले में हुई हिंसा के बाद नस्लवाद और नफरत के खिलाफ कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
बोस्टन में शनिवार को भी हजारों लोगों की भीड़ नाजी-विरोधी नारे लगा रही थी और श्वेत राष्ट्रवाद की निंदा कर रही थी।
पत्रिका 'फॉर्चून' के मुताबिक, गूगल ने अपनी ही एक वेबसाइट 'न्यूजलैब' और डाटा विजुअलाइजेशन स्टूडियो 'पिच इंटरैक्टिव' के साथ मिलकर घृणा अपराध से जुड़ी खबरें एक जगह इकट्ठी करने और उन्हें शीर्षक, विषय और तारीख के आधार पर सर्च किए जा सकने योग्य बनाने के लिए 'द डॉक्यूमेंटिंग हेट न्यूज इंडेक्स' लांच किया था।
समाचार वेबसाइट 'प्रो पब्लिका' के अनुसार, वास्तव में अमेरिका में घृणा अपराध सामान्य बात हो चुकी है। लेकिन घृणा अपराधों से जुड़ा कोई भी विश्वसनीय राष्ट्रीय स्तर का डाटाबेस उपलब्ध नहीं है।
प्रो पब्लिका अपनी रिपोर्ट में कहता है, 'यह सिर्फ एक सूची भर नहीं है, बल्कि इस साइट पर घृणा अपराधों से जुड़ी खबरें तारीख के अनुरूप तलाशी जा सकती हैं और समय के साथ घृणा अपराधों से जुड़ी खबरों में उतार-चढ़ाव को भी दिखाती है।'
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शर्लोट्सविले में हुई हिंसा तो मीडिया में सुर्खियां बनी, लेकिन मई में पोर्टलैंड में मुस्लिमों के खिलाफ हुई हिंसा पर मीडिया ने आंखें बंद रखीं, जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी।
एक अध्यापक द्वारा एक युवा छात्रा का हिजाब खींचकर फाड़ देने की घटना हो या एक श्वेत श्रेष्ठतावादी द्वारा एक युवा अश्वेत सैन्य अधिकारी की हत्या की वारदात, मीडिया के आकर्षण का केंद्र नहीं बन सका।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित गूगल की यह वेबसाइट मशीन लर्निंग के जरिए घृणा अपराध से जुड़ी किसी खबर की सामग्री और उस घटना की मंशा या संवेदना से जुड़ी अन्य सूक्ष्म जानकारियों का समझ लेती है।
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