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जानें कब हुआ था पाकिस्तान में बिना किसी राजनीतिक पार्टी के आम चुनाव!

पाकिस्तान के इतिहास में एक बार ऐसा भी हुआ है जब बिना किसी राजनीतिक पार्टी के आम चुनावों का आयोजन किया गया था।

Updated on: 25 Jul 2018, 03:30 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में आज बुधवार को 11वें आम चुनाव के लिए मतदान जारी है। पाकिस्तान के इतिहास में एक बार ऐसा भी हुआ है जब बिना किसी राजनीतिक पार्टी के आम चुनावों का आयोजन किया गया था।

बता दें कि पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में 4 बार सैन्य सरकारों जनरल अय्यूब ख़ान, जनरल याह्या खान, जनरल ज़िया-उल-हक़ और जनरल परवेज मुशर्रफ का शासन रहा।

25 फरवरी 1985 को पहली बार पाकिस्तान में जनरल ज़िया-उल-हक़ की तानाशाही सरकार ने बिना राजनीतिक पार्टियों के आम चुनावों का आयोजन कराया था।

गौरतलब है कि यह चुनाव इस कारण से भी मशहूर रहा क्योंकि जनरल ज़िया-उल-हक़ ने पॉलिटिक्ल पार्टी एक्ट 1962 में संशोधन कर किसी भी उम्मीदवार को 50 लोगों का समर्थन अनिवार्य कर दिया। यानी जबतक उम्मीदवार के पास 50 लोगों का समर्थन नहीं होगा वो चुनाव नहीं लड़ पाएगा।

ज़िया-उल-हक़ का यह कदम राजनीतिक पार्टियों को रास नहीं आया और उन्होंने आम चुनाव का बहिष्कार कर दिया। जिस कारण पाकिस्तान में पहली बार ऐसा हुआ कि बिना किसी राजनीतिक दल के आम चुनाव कराया गया। इस चुनाव में सिर्फ निर्दलीय मैदान में उतरे।

इसके साथ ही चुनाव में 90 से ज्यादा नए चेहरे भी दिखाई दिए। चुनाव के बाद मोहम्मद खान जुनेजो ने प्रधानमंत्री तौर पर शपथ ली और अपनी सरकार बनाई।

इस चुनाव के बाद पाकिस्तान से मार्शल लॉ को हटा दिया गया था और जनरल ज़िया-उल-हक़ को देश का राष्ट्रपति बना दिया गया।

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गौरतलब है कि राजनीतिक दलों के मुताबिक इस चुनाव में करीब 15 फीसदी ही मतदान हुआ था। हालांकि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन चुनावों में करीब 53.8 फीसदी जनता ने मतदान किया था।

आपको बता दें कि जनरल अय्यूब से लेकर जनरल मुशर्रफ तक हर बार तानाशाही साफ नजर आई है जिसमें चुनी हुई सरकार देश में फैले भ्रष्टाचार, अकर्मण्यता और देश के खतरे से भी ऊपर थी।

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