अल्पसंख्यकों, दलितों व महिलाओं के मुद्दों पर चुप रह जाते हैं मोदी : न्यूयार्क टाइम्स
कठुआ और उन्नाव के रेप मामलों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'चुप्पी साधने' की तीखी आलोचना करते हुए 'न्यूयार्क टाइम्स' ने संपादकीय लिखा।
न्यू यार्क:
भारत में हाल में चर्चा में रहे कठुआ और उन्नाव के रेप मामलों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'चुप्पी साधने' की तीखी आलोचना करते हुए 'न्यूयार्क टाइम्स' ने अपने संपादकीय में मंगलवार को लिखा कि इस तरह की तथा ऐसी ही अन्य हिंसक घटनाएं देश में महिलाओं, मुस्लिमों और दलितों को डराने के लिए 'राष्ट्रवादी ताकतों के एक संगठित और व्यवस्थित अभियान' का हिस्सा हैं।
'मोदीज लॉन्ग साइलेंस एज वुमेन आर अटैक्ड' शीर्षक के संपादकीय में न्यूयार्क टाइम्स ने याद दिलाया कि कैसे मोदी 'लगातार ट्वीट करते हैं और खुद को एक प्रतिभाशाली वक्ता मानते हैं।'
टाइम्स ने कहा, 'इसके बावजूद वह अपनी आवाज तब खो देते हैं, जब महिलाओं और अल्पसंख्यकों को लगातार राष्ट्रवादी और सांप्रदायिक ताकतों, जो कि उनकी भारतीय जनता पार्टी का आधार हैं, के खतरे का सामना करना पड़ता है।'
अखबार ने शुक्रवार को मोदी के इस मामले पर दिए गए बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि 'दुष्कर्म के यह मामले देश के लिए शर्मिदगी लेकर आए हैं और हमारी बेटियों को निश्चित ही न्याय मिलेगा।'
न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, 'लेकिन उनका बयान खोखला जैसा है क्योंकि इसमें उन्होंने काफी देरी लगाई और इनका विशिष्ट उल्लेख करने के बजाए एक सामान्य रूप से इसे यह कहकर व्यक्त किया कि 'बीते दो दिनों में जिन घटनाओं की चर्चा हो रही है..'।'
अखबार ने प्रधानमंत्री पर पहले भी इसी तरह का रवैया अपनाने का अरोप लगाया जब 'उनके राजनीतिक अभियान से संबद्ध गौरक्षक समूह ने गायों की हत्या करने के झूठे आरोप लगाकर मुस्लिम और दलितों पर हमले किए और हत्या की।'
जम्मू एवं कश्मीर में इस वर्ष जनवरी में एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या और उत्तर प्रदेश में एक लड़की के साथ दुष्कर्म मामले का पूरे देश में लोगों ने जबरदस्त विरोध किया।
प्रधानमंत्री ने हालांकि इन अपराधों और अन्य मामलों में संलिप्त कथित भाजपा सदस्यों के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने उत्तर प्रदेश दुष्कर्म मामले के आरोपी भाजपा विधायक के बारे में भी कुछ नहीं कहा।
अखबार ने कहा कि 'मोदी की चुप्पी न केवल हैरान करने वाली है बल्कि परेशान करने वाली है।'
अखबार ने 2012 के निर्भया कांड की याद दिलाई 'जिस पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी थी और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।' अखबार ने लिखा कि 'लगता है कि मोदी ने उस घटना से सबक नहीं सीखा।'
अखबार के अनुसार, 'भाजपा ने बड़े पैमाने पर चुनाव में जीत दर्ज की थी क्योंकि मोदी ने भ्रष्टाचार से घिरी तत्कालीन सरकार के बाद भारतीयों को ज्यादा जवाबदेह सरकार देने का वायदा किया था। लेकिन, इसके स्थान पर उन्होंने चुप्पी और मामले से ध्यान हटाने की पद्धति विकसित की है जो कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के स्वास्थ्य की चिंता करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए काफी चिताजनक है।'
इसे भी पढ़ें: कठुआ गैंगरेप को लेकर राज्यपाल वोहरा से मिली सीएम महबूबा
न्यूयार्क टाइम्स के संपादकीय में कहा गया है कि मोदी से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि उनका समर्थन करने वाले के द्वारा किए गए हर अपराध पर वह बोले हीं। लेकिन, हिंसा के यह मामले कोई अलग-थलग और अपवादित नहीं हैं। यह राष्ट्रवादी ताकतों के संगठित और योजनाबद्ध अभियान का हिस्सा हैं जिसका मकसद महिलाओं, मुसलमानों, दलितों और अन्य वंचित तबकों को आतंकित करना है।
टाइम्स ने कहा, 'प्रधानमंत्री का कर्तव्य है कि सभी लोगों की सुरक्षा करें और उनके लिए लड़ें, न कि सिर्फ उनके लिए जो उनसे राजनीतिक रूप से जुड़े हैं।'
इसे भी पढ़ें: नकदी संकट से RBI का इनकार, कहा- खजाने में नहीं है नोटों की कमी
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी