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राज्य प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर हार्ट ऑफ एशिया में घिरा पाकिस्तान

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में रविवार को भारत और अफगानिस्तान दोनों ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। राज्य प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान बुरी तरह घिर गया।

Updated on: 05 Dec 2016, 06:54 PM

highlights

  • भारत और अफगानिस्तान दोनों ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा
  • राज्य प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान बुरी तरह घिर गया 

New Delhi:

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में रविवार को भारत और अफगानिस्तान दोनों ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। राज्य प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान बुरी तरह घिर गया। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद को एशियाई क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बताया गया। 

इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए रविवार को स्पष्ट रूप से पड़ोसी देश को आतंक का अभयारण्य करार दिया। इसके साथ ही सीमा पार से हिंसा को लेकर भारत की चिंता को साझा किया।

यह भारत के लिए एक प्रमुख कूटनीतिक जीत है। 6ठे मंत्रिस्तरीय 'हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन-इस्तानबुल प्रोसेस ऑन अफगानिस्तान' में एक संयुक्त प्रस्ताव स्वीकार किया गया। इसमें कहा गया है कि जो अन्य आतंकी संगठन बहुत हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, उनमें तालिबान, दाएस (इस्लामिक स्टेट) और उससे जुड़े संगठन, हक्कानी नेटवर्क, अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान हैं।"

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इसे अमृतसर घोषणा-पत्र भी नाम दिया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सम्मेलन में भाग लेने वाले देश और समूह क्षेत्र में सुरक्षा की गंभीर स्थिति को लेकर चिंतित हैं। साथ ही हर तरह के आतंकवाद और इसके लिए धन मुहैया कराने सहित सभी तरह की सहायता को तत्काल समाप्त करने की मांग की।

इससे पहले पाकिस्तान की सीमा से लगे भारत के राज्य में हुए इस सम्मेलन की शुरुआत में गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक सरताज अजीज की मौजूदगी में सम्मेलन को संबोधित किया।

गनी ने जहां स्पष्ट रूप से जोर देकर कहा कि पाकिस्तान उनके देश में सीमा पार से आतंक का स्रोत है, वहीं मोदी ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन विश्व समुदाय से आतंकियों का समर्थन देने वालों, पनाह देने वालों, प्रशिक्षण देने वालों और धन देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति की कठोर टिप्पणी से अजीज स्तब्ध नजर आए।

गनी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान चुनिंदा ठिकानों पर चलाए। उन्होंने सवाल किया कि उनकी धरती पर आतंक का निर्यात रोकने के लिए क्या किया जा रहा है?

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गनी ने कहा, "पाकिस्तान में सरकार प्रायोजित अभयारण्य मौजूद हैं। तालिबान के एक अधिकारी ने हाल में कहा था कि यदि पाकिस्तान में उन्हें सुरक्षित पनाहगाह न मिले तो वे एक माह भी नहीं टिके रह पाएंगे।"

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने युद्ध से तबाह अपने देश के पुननिर्माण के लिए 50 करोड़ डॉलर दान देने की पेशकश के लिए धन्यवाद दिया, लेकिन पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक सरताज अजीज को संबोधित करते हुए कहा, "जनाब अजीज, मैं आशा करता हूं कि महोदय आप इसका इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंकियों एवं चरमपंथियों से लड़ने के लिए करेंगे।"