logo-image

यूपी चुनाव: मुलायम और अखिलेश कैंप में बंटी पार्टी में गृहयुद्ध गहराया, 403 सीटों के लिए बंटे 630 टिकट

मुलायम सिंह परिवार में टिकट बंटवारे को लेकर भड़की लड़ाई ने विपक्षी दलों से ज्यादा पार्टी के उम्मीदवारों को ही भ्रम में डाल दिया है। चाचा शिवपाल और भतीजे की तरफ से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट ने पार्टी के उम्मीदवारों को उलझा रखा है।

Updated on: 30 Dec 2016, 01:27 PM

highlights

  • टिकट बंटवारे को लेकर सपा के भीतर चल रही लड़ाई ने विपक्षी दलों से ज्यादा पार्टी के उम्मीदवारों को ही भ्रम में डाल दिया है
  • 403 सीटों के लिए अब तक समाजवादी पार्टी की तरफ से कुल 630 उम्मीदवारों को टिकट दिया जा चुका है

New Delhi:

मुलायम सिंह परिवार में टिकट बंटवारे को लेकर भड़की लड़ाई ने विपक्षी दलों से ज्यादा पार्टी के उम्मीदवारों को ही भ्रम में डाल दिया है। चाचा शिवपाल और भतीजे की तरफ से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट ने पार्टी के उम्मीदवारों को उलझा रखा है।

समाजवादी पार्टी की तरफ से जारी आधिकारिक सूची में अब तक 393 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की चुकी है। शुक्रवार को शिवपाल ने 2 और सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कुल मिलाकर सपा की आधिकारिक सूची में 403 सीटों वाले विधानसभा में 395 सीटों पर उम्मीदवार उतारे जा चुके हैं।

इसे भी पढ़ें: अखिलेश की बगावत से सपा दो कैंप में बंटा, बड़े फैसले से पहले बुलाई कोर ग्रुप की बैठक

वहीं अपने भरोसेमंद लोगों का टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश यादव ने 235 उम्मीदवारों का टिकट जारी कर दिया है। यानी 403 सीटों के लिए अब तक समाजवादी पार्टी की तरफ से कुल 630 उम्मीदवारों को टिकट दिया जा चुका है।

यह संख्या और भी अधिक बढ़ सकती है क्योंकि शिवपाल और मुलायम टिकटों के बंटवारे को लेकर अब अखिलेश यादव से किसी तरह के समझौते में मूड में नहीं है। ऐसे में अखिलेश अगर कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो उनकी तरफ से अन्य सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जा सकती है।

सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की तरफ से जारी सूची में 168 उम्मीदवारों को दो-दो टिकट मिले हैं। सपा के भीतर चल रही उठापटक अब उन उम्मीदवारों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी है जिन्हें टिकट मिल चुका है।

इसे भी पढ़ें: मुलायम के खिलाफ अखिलेश की बगावत, 235 सीटों पर उतारे अपने उम्मीदवार

अखिलेश पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं और ऐसे में वह एक ही सीट पर अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार कर सकते हैं जिसकी कीमत पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को चुकानी होगी। इतना ही नहीं एक सीट पर दो उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बाद मतदाता सपा से छिटक सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: मुलायम को मनाने के लिए अखिलेश समर्थकों ने लिखी खून की चिट्ठी

खासकर रणनीतिक रुप से अहम माने जाने वाले मुस्लिम मतदाता। मौजूदा स्थिति में मुस्लिम मतदाता सपा उम्मीदवारों के पक्ष में खड़े होकर अपना मत बर्बाद नहीं करेंगे। मुस्लिम मतदाताओं के छिटकाव का खमियाजा सपा को उठाना पड़ सकता है, जिसका सीधा फायदा मायावती की बहुजन समाज पार्टी को हो सकता है। 

इसे भी पढ़ें: टिकट बंटवारे से नाराज अखिलेश ने शिवपाल के दो करीबियों को कैबिनेट से बाहर निकाला

मायावती ने इस दिशा में कोशिशें भी तेज कर दी हैं। इससे पहले भी वह लगातार मुस्लिम मतदाताओं से यह कहते हुए बसपा के पक्ष में वोट देने की अपील करती रही हैं कि '' सपा, बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टी'' को चुनाव जीतने से नहीं रोक पाएगी।