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सर्जिकल स्ट्राइक पर यूरोप की संसद ने भी किया भारत का समर्थन

उरी हमले के बाद भारत ने पीओके में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर पूरी दुनिया को बता दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत के इस कड़े कदम का अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के बाद अब यूरोप की संसद ने भी समर्थन किया है। ये भारत के लिए पश्चिमी जगत आया ये पहला समर्थन अपने आप में विशेष महत्व रखता है।

Updated on: 05 Oct 2016, 08:04 AM

नई दिल्ली:

उरी हमले के बाद भारत ने पीओके में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर पूरी दुनिया को बता दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत के इस कड़े कदम का अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के बाद अब यूरोप की संसद ने भी समर्थन किया है। ये भारत के लिए पश्चिमी जगत आया ये पहला समर्थन अपने आप में विशेष महत्व रखता है।


आपको बता दें कि यूरोपीय संसद में एक दिन पहले पब्लिश किए गए एक साइन किए गए लेख में उपाध्यक्ष रिजार्ड जारनेकी ने कहा, 'आतंकवादियों के खिलाफ भारत की सीमा पार कार्रवाई का अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वागत करना चाहिए और समर्थन देना चाहिए।'

भारत सरकार और खासतौर से भारतीय आर्मी के पेशेवर रवैये की तारीफ करते हुए वाइस प्रेजिडेंट ने कहा कि संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि भारत अब पाकिस्तान को क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को बढ़ावा नहीं देने देगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाके में यह ऑपरेशन संभवत: भारत की ओर से ऐसा पहला अभियान था और इसी साल भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी गुटों के दो हमलों का जवाब था।

जारनेकी ने कहा कि भारत ने साफ संकेत दे दिया है कि ये हमले पाकिस्तान देश पर नहीं किए गए, बल्कि उन आतंकवादी गुटों पर किए गए, जो इलाके में शांति और स्थायित्व के लिए खतरा बन गए हैं।

इससे पहले यूएई ने भी उरी अटैक की साजिश रचने वालों के खिलाफ भारत की कार्रवाई का समर्थन करने का संकेत दिया था।