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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर वेदांती का बयान- आडवाणी नहीं मेरे कहने पर कार सेवकों ने गिराया था ढांचा

बाबरी मस्जिद को गिराने पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का विवादित बयान सामने आया है।

Updated on: 21 Apr 2017, 11:16 PM

highlights

  • बीजेपी के पूर्व सांसद वेंदाती का बाबरी विध्वंस मामले पर विवादित बयान 
  • वेदांती का दावा- आडवाणी नहीं उनके आदेश पर कार सेवकों ने गिराया था ढांचा
  • 1992 में हजारों की संख्या में कारसेवकों अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर चढ़कर उसे तोड़ दिया था

नई दिल्ली:

बाबरी मस्जिद को गिराने पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का बयान सामने आया है। राम जन्म भूमि न्यास के सदस्य वेदांती ने दावा किया है कि कारसेवकों ने उनके रहने पर बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया था। साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती की कोई भूमिका नहीं है।

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जानकारी के मुताबिक वेदांती ने दावा किया, 'मेरे कहने पर कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को तोड़ा। आडवाणी और जोशी तो कारसेवकों को ढांचा तोड़ने से रोक रहे थे। सीबीआई के अधिकारियों ने इन नेताओं के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई।' वेदांती ने ये भी दावा किया है कि वीएचपी के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के अलावा महंत अवैधनाथ भी इस साजिश में शामिल थे।

वेदांती का कहना है कि वह अपने बयान से पलटेंगे नहीं, भले ही उन्हें फांसी हो जाए। वेदांती ने आगे कहा, 'मैं रामलला से ये प्रार्थना जरूर करूंगा कि भारत सरकार और राज्य सरकार को ऐसी दिशा मिले कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण हो।'

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बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 19 अप्रैल को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई करते हुए आडवाणी, जोशी और उमा भारती के खिलाफ रोजाना सुनवाई कर दो वर्षों के अंदर फैसला सुनाने का आदेश दिया है।

क्या था बाबरी मामला

6 दिसंबर, 1992 को हजारों की संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंच गए थे। उन्होंने सदियों पुरानी बाबरी मस्जिद पर चढ़कर उसे तोड़ दिया था और उस जगह तिरपाल टांगकर रामलला की मूर्ति रख दी थी। इस घटना के बाद देश में कई जगह सांप्रदायिक दंगे हुए थे।

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सर्वोच्च न्यायालय ने 16 साल बाद राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद विवाद का हल दोनों पक्षों से आपसी बातचीत के आधार पर निकालने को कहा है।

IANS के इनपुट के साथ