समाजवादी पार्टी की जड़े खोखली कर 2019 में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के लिए ऐसे मुसीबत बन जाएंगे शिवपाल यादव
शिवपाल यादव का यह कदम महागठबंधन के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है. यानी लोकसभा चुनाव 2019 मेंसमाजवादी पार्टी और गठबंधन के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।
लखनऊ:
लोकसभा चुनाव 2019 की आहट अभी से सुनाई देने लगी है। जहां सभी दलों ने अपने अपने प्रत्याशियों को फाइनल करने की कवायद आरंभ कर दी है वहीं नए दल भी चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार बैठे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी में बड़ी फूट के आसार दिखाई देने लगे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने हाल ही अपना अलग दल बना लिया है और 2019 के चुनाव को देखते हुए उन्होंने चुनावी तैयारियां भी आरंभ कर दी है। उन्होंने यह भी ऐलान कर दिया है कि उनका दल राज्य की सभी 80 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा।
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इससे साफ है कि जहां अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी और महागठबंधन बनाए जाने की बातें हो रही हैं और चुनाव में बीजेपी का सूपड़ा तक साफ करने का ऐलान किया जा रहा है ऐसे में शिवपाल यादव का यह कदम महागठबंधन के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। यानी लोकसभा चुनाव 2019 मेंसमाजवादी पार्टी और गठबंधन के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। साथ ही 2019 की ये जंग बड़ी दिलचस्प होने वाली है क्योकि जहाँ एक तरफ सबकी टक्कर वर्तमान में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के साथ तो है ही, अब बीजेपी के अलावा 2019 में चाचा और भतीजे की भी जंग देखने को मिलेगी क्योंकि पूर्व समाजवादी पार्टी के नेता व अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने जिस नई पार्टी समाजवादी सेक्युलर मौर्चा पार्टी का गठन किया है वही पार्टी अब 2019 में यूपी की 80 सीटों पर लोकसभा पर चुनाव लड़ेगी जिसका ऐलान खुद शिवपाल यादव ने किया है।
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दरअसल समाजवादी सेक्युलर मौर्चा पार्टी के गठन के बाद शुक्रवार को शिवपाल यादव बागपत पहुंचे और पार्टी की पहली बैठक की। यहां कार्यकर्ताओं से शिवपाल यादव ने बातचीत की और पार्टी को मजबूत बनाये जाने के लिए कुछ निर्णय लिया। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि यूपी की सभी 80 सीटों उनकी पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी और इसके अलावा सपा में जो लोग उपेक्षित हैं और हासिये पर हैं उन्हें सेक्युलर मौर्चा में शामिल किया जाएगा। शिवपाल यादव ने कहा कि ऐसे लोगों को इकट्ठा करके बड़ी लड़ाई लड़ेंगे क्योंकि उत्तर प्रदेश की किस्मत बदलना सेक्युलर मोर्चे के उद्देश्य है।
VIDEO- अलग हुईं शिवपाल और अखिलेश की राहें
बता दें कि शिवपाल यादव के साथ आचार्य प्रमोद कृष्णम भी शामिल थे और पार्टी बैठक बागपत के बिनोली इलाके के दरकावदा गांव में की गई।
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