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Artificial Rain: आखिर क्या होती है कृत्रिम वर्षा, मानव जीवन के लिए कैसे है उपयोगी

Artificial Rain: कृत्रिम वर्षा को वैज्ञानिक भाषा में "आइड्रोसोल इंजेक्शन" के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि कृत्रिम वर्षा के माध्यम से आप प्रदूषण को काफी हद तक कम कर सकते हैं,

Updated on: 11 Nov 2023, 10:43 AM

highlights

  • प्रदूषित स्तर को कम करने के धरती को एक्यूआई लेवल कम करती है कृत्रिम वर्षा
  • धरती के तापमान को भी नियत्रित करती है कृत्रिम वर्षा
  • दिल्ली एनसीआर में आज के टाइम में कितनी उपयोगी है कृत्रिम वर्षा

 

 

नई दिल्ली :

Artificial Rain: कृत्रिम वर्षा को वैज्ञानिक भाषा में "आइड्रोसोल इंजेक्शन" के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि कृत्रिम वर्षा के माध्यम से आप प्रदूषण को काफी हद तक कम कर सकते हैं, इस तकनीक में, मरकर सनस्क्रूव विमान या ऊँचाई तकनीक से चढ़ाई गई ओज़ोन के प्रदूषित स्तर को कम करने के लिए धरती के ऊपर होटली स्ट्रेटोस्फीयर में आइड्रोसोल छोड़ा जाता है. यह आइड्रोसोल छिड़काव सबसे आमतौर पर सल्फेटर अधतेर के माध्यम से किया जाता है, जो इसका प्रभावी स्रोत है. आजकल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ रहा है. जिसमें कृत्रिम वर्षा काफी उपयोगी साबित हो सकती है.... 

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AQI लेवल हो जाता है नियंत्रित
जब प्राकृतिक वर्षा न हो रही हो, तो कृत्रिम वर्षा बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो सकती है.  क्योंकि कृत्रिम वर्षा से प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाता है. इस प्रक्रिया में आइड्रोसोल छिड़काव द्वारा संसाधनों और वातावरण की अभाव में हमारे पृथ्वी को धीरे-धीरे ठंडा करने क के लिए ही है. यही नहीं इसके निरंतर प्रभाव और उपयोग के लिए अधिक अनुसंधान की आवश्यकता होती है. आपको बता दें कि कृत्रिम वर्षा से प्रदूषण कम करने की यह तकनीक एक प्रासंगिक समाधान प्रतीत हो सकती है, लेकिन उसके पीछे विषय पर विवाद और चिंताओं का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है. संवेदनशील भौतिकी, प्रभावशीलता, भौतिकीय प्रभावों के संग्रहालय, और पारदर्शिता की तरह कई तत्वों को ध्यान में रखते हुए, कृत्रिम वर्षा से प्रदूषण को कम करने में कारगर साबित हुई है. 

क्या है चिंता का विषय? 
आपको बता दें कि कृत्रिम वर्षा के जितने फायदे हैं. कुछ नुकसान भी हैं. जैसे कृत्रिम वर्षा के द्वारा आइड्रोसोल छिड़ाने के संबंध में संभावित चिंताएं भी उतपन्न हो जाती हैं.  इसका मतलब है कि जब हम प्रदूषण को कम करने के लिए आइड्रोसोल छिड़ाते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप बारिश की कटौती हो सकती है.  पानी के उपलब्धता पर प्रभाव डाल सकता है.  इसके अलावा, कुछ लोग इस प्रक्रिया में खर्च होने वाली ऊर्जा और विभिन्न प्रभाव को लेकर भी चिंतित हैं. एक महत्वपूर्ण बात यह है कि कृत्रिम वर्षा के साथ प्रदूषण कम करने की तकनीक से पहले, हमें स्वतंत्रता, शोध, पर्यावरणीय प्रभाव और संसाधनों को ध्यान में रखने की जरूरत है.