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Sandeshkhali Case: बंगाल से शेख शाहजहां को बिना गिरफ्तार किए लौटी CBI, पुलिस ने नहीं किया हैंड ओवर

Sandeshkhali Case: जानकारी के अनुसार मंगलवार को तीन सदस्यी सीबीआई टीम शाहजहां शेख को हिरासत में लेने बभनी भवन स्थिती सीआईडी मुख्यालय पहुंची थी

Updated on: 06 Mar 2024, 06:11 AM

New Delhi:

Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली केस को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. संदेशखाली केस में आज यानी मंगलवार को कोलकाता में उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा हो गया, जब बंगाल सीआईडी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शेख शाहजहां को सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया. बंगाल पुलिस की यह कार्रवाई टीएमसी सरकार की तरफ से शाहजहां को सीबीआई को सोंपने संबंधी आदेश को चुनौती देने के कुछ घंटे बाद ही सामने आई. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम पर हुए हमले की जांच कर रही है. 

महिलाओं के यौन शोषण और हिंसा का आरोप

जानकारी के अनुसार मंगलवार को तीन सदस्यी सीबीआई टीम शाहजहां शेख को हिरासत में लेने बभनी भवन स्थिती सीआईडी मुख्यालय पहुंची थी. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने याचिका का उल्लेख किया. कोर्ट ने सिंघवी को रजिट्रार जनरल के सामने याचिका का उल्लेख करने को कहा.  आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 42 वर्षीय शाहजहां शेख पर नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में ईडी की टीम पर हमला करने का आरोप है. 18 फरवरी को भारी संख्या में इकट्ठा हुई महिलाओं ने शेख शाहजहां और उसके समर्थकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. महिलाओं ने शेख और उसके समर्थकों पर टीएमसी दफ्तर में उनके साथ रेप की घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है. 

26 फरवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि शाहजहां कि गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि शेख को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल पुलिस ने हाईकोर्ट का संज्ञान लेते हुए आखिरकार टीएमसी नेता शेख को नॉर्थ 24 परगना के एक घर से एक मार्च को गिरफ्तार कर लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संदेशखाली केस इन दिनों समाचारों की सुर्खियों में बना हुआ है. संदेशखाली केस को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. पिछले दिनों बंगाल में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जहां राजा राममोहन राय जैसे समाज सुधारक ने महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम किया, वहीं सरकार के कुछ नेता महिलाओं को अपमानित करने में लगे हैं.