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Uttarkashi Tunnel Collapse: सीएम धामी बनाए हैं रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर, बैठक में अधिकारियों को दिए ये निर्देश

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए दो दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जिस पर सूबे के मुख्यमंत्री धामी लगातार नजर बनाए हुए हैं और पल-पल की जानकारी मांग रहे हैं.

Updated on: 14 Nov 2023, 03:01 PM

highlights

  • सीएम धामी की टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर
  • अधिकारियों संग बैठक कर दिए जरूरी निर्देश
  • उत्तराकाशी में दो दिन से टनल में फंसे 40 मजदूर
 

New Delhi:

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार सुबह निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन के चलते फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. जिसपर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर बनाए हुए हैं. राहत एवं बचाव कार्य में लगी एजेंसियों से भी सीएम धामी को पल-पल की जानकारियां ले रही हैं. मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर सीएम धामी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए. बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं टनल में कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर संपर्क बनाकर रखें और जरूरत पड़ने पर राहत सामग्री को शीघ्र उपलब्ध कराया जाए.

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद शासन ने सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच शुरू कर दी है. जिसमें जिसके लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है. फिलहाल सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने का काम जारी है.

सीएम आवास पर हुई इस मीटिंग में धामी सरकार के प्रमुख अधिकारी- अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी ए.पी. अंशुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव जे.सी. काण्डपाल मौजूद रहे.

कब और कैसे हुआ हादसा

बता दें कि उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के बीच सिल्क्यारा के समीप 4.5 किमी लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. इस सुरंग के निर्माणकार्य में लगे मजदूर 12-12 घंटे की दो शिफ्टों में काम करते हैं. पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे शुरू होती है, उसके बाद दूसरी शिफ्ट शाम 8 से सुबह आठ बजे तक काम करती है. 12 नवंबर (रविवार) को दूसरी शिफ्ट के कर्मचारी सुरंग में काम कर रहे थे.

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इसी दौरान सुबह करीब साढ़े पांच बजे सुरंग में भूस्खलन होने लगा. सुरंग की मिट्टी धीरे-धीरे गिरने लगती. जिस वक्त ये हादसा हुआ वहां 45 मजदूर काम कर रहे थे, मिट्टी गिरते देख पांच मजदूर भागकर बाहर निकल आए, जबकि 40 मजदूर सुरंग में ही फंस गए. जिन्हें निकालने के लिए रविवार से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सुरंग में जहां भूकंप हुआ है वह स्थान सिल्क्यारा की ओर से लगभग 270 मीटर अन्दर है.

सुरंग में फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के
 
कार्यदायी संस्था एन एच. आई.डी. सी. एल. द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, सुरंग में फंसे हुए मजदूरों में सबसे ज्यादा लोग झारखंड के हैं. जबकि सबसे कम हिमाचल प्रदेश से हैं. इस सुरंग में उत्तराखंड के दो मजदूर, जबकि हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर फंसा हुआ है. वहीं बिहार के चार, पश्चिम बंगाल के तीन, उत्तर प्रदेश के आठ, उड़ीसा के 5, असम के दो जबकि सबसे ज्यादा झारखंड के 15 मजदूर शामिल हैं.

रिपोर्ट- हर्ष द्विवेदी

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