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Uttarakhand: चीन से लगी सीमा पर तीन सुरंगें बनाएगा भारत, मोदी सरकार का बड़ा प्लान

उत्तराखंड में चीन से लगी सीमा पर सरकार तीन सुरंगेें बनाने जा रही है. जिससे न सिर्फ सेना के जवानों को फायदा होगा बल्कि इससे आम आदमी को भी सहूलियत होगी.

Updated on: 03 Aug 2023, 08:59 AM

highlights

  • उत्तराखंड में चीन सीमा पर बनेंगी तीन सुरंग
  • सेना और आम लोगों को होगा भारी फायदा
  • पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, रुकेगा पलायन

New Delhi:

सबकुछ सही रहा तो जल्द ही भारत उत्तराखंड से लगी चीन सीमा पर तीन सुरंगें बनाएगा. जिससे दो अलग-अलग घाटियों में मौजूद आईटीबीपी की दो चौकियों को आपस में जोड़ेंगी. इसके साथ ही इन सुरंगों के बनने से सीमांत इलाकों में यात्रा भी सुगम होगी. इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है. इन सुरंगों के बनने से पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग और चमोली के लप्थल के बीच की दूरी सिर्फ 42 किमी रह जाएगी. जो फिलहाल 490 किमी है. जिसके लिए करीब 57 किमी की तीन सुरंगों और 20 किमी सड़क मार्ग को बनाया जाएगा. सामरिक महत्व की इस परियोजना पर केंद्र सरकार के निर्णय के बाद काम शुरू होगा.

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इस परियोजना से कम होगा पलायन

बता दें कि इन सुरंगों के बनने से एसएसबी और आईटीबीपी के अलावा सीमांत इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा. साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. राज्य सरकार की ओर से केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि इस परियोजना के बनने से राज्य के आर्थिक विकास, पर्यटन, सीमावर्ती क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को बढ़ावा और पलायन रोकने में मदद मिलेगी.

इतनी होगी पहली सुरंग की लंबाई

बता दें कि वर्तमान में पिथौरागढ़ जिले के जौलिंगकांग से बेदाग तक की यात्रा शिमला पास होते हुए पूरी करनी होती है. ये घाटी पूरे साल बर्फ से ढकी रहती है. जहां सड़क मार्ग का निर्माण बहुत मुश्किल है. जौलिंगकांग के बीच पांच किमी सुरंग का निर्माण किया जाएगा. वहीं वेदांग से गो एवं सिपु तक 20 किमी सड़क मार्ग बनाया जाएगा. साथ ही बीआरओ एवं सीपीडब्लूडी द्वारा निर्मित तवाघाट से बेदांग तक के मार्ग को जोड़ा जाएगा. जिससे जौलिंगकांग और बेदांग की दूरी सिमट कर 161 किमी रह जाएगी.

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दूसरी सुरंग की लंबाई होगी 22 किमी

इसके अलावा सिपू से तोला तक भी सड़क निर्माण बेहद मुश्किल है. क्योंकि ये मार्ग भी पूरे साल बर्फ से ढका रहता है. सिपु से तोला के बीच 22 किमी की सुरंग बनाई जाएगी. जिससे दारमा वैली और जोहार वैली एक दूसरे से जुड़ जाएंगे.

30 किमी लंबी होगी तीसरी सुरंग

बता दें कि पिथौरागढ़ के मिलम से चमोली के लप्थल तक का मार्ग भी साल भर बर्फ से ढका रहता है. जहां सड़क मार्ग का निर्माण मुश्किल है. जिसके चलते मिलम से लप्थल तक 30 किमी लंबी सुरंग बनाई जाएगी. इस सुरंग का निर्माण होने से पिथौरागढ़ की जोहार घाटी एवं चमोली का लप्थल सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा. बता दें कि इस परियोजना को शीघ्र शुरू करने के लिए उत्तराखंड के सीएम धामी ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है. उन्होंने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के प्रस्ताव का जिक्र किया और उसे मंजूरी दिलाए जाने का अनुरोध किया. 

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