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UP News: अब छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे स्कूल-कॉलेज, योगी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

UP Scholarship: केन्द्र सरकार ने शैक्षिक सत्र 2024-25 से कक्षा नौ से 12 तक के शिक्षण संस्थानों के लिए यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन तथा कक्षा 12 से ऊपर की कक्षाओं के लिए आल इण्डिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन कोड अनिवार्य किया गया है.

Updated on: 22 Oct 2023, 01:53 PM

highlights

  • स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
  • योगी सरकार ने उठाया ये अहम कदम
  • स्कूलों को जारी किए जाएंगे कोड

New Delhi:

UP News: योगी सरकार राज्य में छात्रवृत्ति और फीस भरपाई में फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. जिसके तहत राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों पर लगाम कसेगी और स्कूल-कॉलेज स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे. दरअसल, सरकार सरकारी सुविधा प्राप्त करने वाले शिक्षण संस्थानों को कोड आवंटित करेगी. बता दें कि केन्द्र सरकार के निर्देश पर सभी राज्यों में छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सरकारी सुविधा पाने वाले शिक्षण संस्थानों में ये सुविधा लागू की जाएगी. कोड के आवंटित होने से स्कूल-कॉलेज स्कॉलरशिप के लिए फर्जी आवेदन नहीं कर पाएंगे.

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इसके बाद शैक्षिक संस्थान ही अपने यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए सरकारी छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा का लाभ पा सकेंगे. इस व्यवस्था के लागू होने से छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के लिए होने वाले ऑनलाइन आवेदनों में कोई फर्जी दस्तावेज नहीं लग पाएगा. यानी इसके बाद जो छात्र या छात्राएं स्कूल में पढ़ते हैं उन्हीं के आवेदन स्कॉलरशिप के लिए किए जा सकेंगे. अभी तक तमाम स्कूल-कॉलेज फर्जी छात्र दिखाकर सरकार से स्कॉलरशिप ले लेते हैं. लेकिन इसके बाद फर्जी स्कॉलरशिप लेने पर लगाम लग जाएगी.

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के मुताबिक, केन्द्र सरकार ने शैक्षिक सत्र 2024-25 से कक्षा नौ से 12 तक के शिक्षण संस्थानों के लिए यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन तथा कक्षा 12 से ऊपर की कक्षाओं के लिए आल इण्डिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन कोड अनिवार्य किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय से एपीआई आदि लेनी होगी, छात्रवृत्ति पोर्टल का इंटिग्रेशन होगा.

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सरकार ने शुरू की कोडिंग की तैयारी

फर्जी छात्रवृत्ति को रोकने के लिए सरकार जल्द ही स्कूलों को कोड जारी कर देगी. जिसके लिए प्रदेश के समाज कल्याण विभाग ने नयी कोडिंग व्यवस्था की तैयारी शुरु कर दी है. बताया जा रहा है कि अगले चार-पांच महीनों में यह व्यवस्था पूरी तरह से तैयार कर ली जाएगी. हालांकि इसे अगले शैक्षिक सत्र से लागू किया जाएगा. समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि छात्रवृत्ति पोर्टल एपीआई के साफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है. इससे शिक्षण संस्थानों के फर्जीवाड़ा करके छात्रवृत्ति व फीस भरपाई हड़पने पर पूरी तरह रोक लग जाएगी. बता दें कि यूपी के अलावा अन्य राज्यों में भी स्कूल-कॉलेज फर्जी छात्रों के नाम से राज्य और केंद्र सरकार से स्कॉलरशिप ले लेते हैं.