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जानिए कौन हैं BJP के उम्मीदवार राजेश्वर सिंह, कभी नाम से थर्राते थे अपराधी

राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के नौकरशाहों के एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं. राजेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के मूल निवासी हैं.

Updated on: 02 Feb 2022, 02:43 PM

highlights

  • राजेश्वर सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम के खिलाफ भी कर चुके हैं जांच
  • ED के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को बीजेपी ने बनाया है उम्मीदवार
  • लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक

लखनऊ:

BJP candidate Rajeshwar Singh : प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से मिले टिकट के बाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं. बीजेपी ने यूपी चुनाव में चिदंबरम की जांच करने वाले राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है. वह उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लेने के बाद लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वीआरएस के लिए आवेदन के वक्‍त वह ईडी लखनऊ जोन के संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत थे. उनकी गिनती सुपरकॉप में होती थी. वर्ष 2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर वह ईडी में शामिल हुए थे। वर्ष 1997 बैच के पीपीएस अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह ने वर्ष 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था.   

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कौन हैं राजेश्वर सिंह

राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के नौकरशाहों के एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं. राजेश्वर सिंह यूपी के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के मूल निवासी हैं. उन्‍होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट राजेश्वर सिंह ने लॉ और ह्यूमन राइट्स में भी डिग्री ली है. वर्ष 1996 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं.  लखनऊ में डिप्टी एसपी के रूप में तैनाती के दौरान उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता था. स्टेट पुलिस विभाग से अपनी नौकरी शुरू करने वाले राजेश्वर सिंह अपने काम के दम पर बेहद तेजी से कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते चले गए. उन्हें ह्यूमन एंड टेक्नोलॉजी का एक्सपर्ट माना जाता है. अपने पुलिस करियर की शुरुआत में उनके पास गोमतीनगर सीओ (अपराध) और सीओ (यातायात) के सर्किल ऑफिसर का एक साथ चार्ज था. इसके लिए उनकी काफी चर्चा भी हुई. राजेश्वर सिंह के नाम 13 एनकाउंटर हैं, जिसके जरिए वह खूंखार और कट्टर अपराधियों को कटघरे तक पहुंचाने में सफल हुए.

2जी स्पेक्ट्रम से लेकर कॉमनवेल्थ गेम घोटाला तक की कर चुके हैं जांच

एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले के अलावा राजेश्वर सिंह उन जांच टीमों का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने 2009 से यूपीए सरकार को हिलाकर रख देने वाले हर भ्रष्टाचार के मामले की जांच की और कांग्रेस और उसके सहयोगियों की विश्वसनीयता को ध्वस्त किया. इनमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामला, कॉमनवेल्थ गेम घोटाला और कोयला खदान आवंटन घोटाला शामिल हैं. इनमें से प्रत्येक मामले में कांग्रेस या उसके सहयोगियों के शीर्ष नेता मुख्य आरोपी के रूप में सामने आए. इसके अलावा अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरटेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला आदि जैसे मामले की भी उन्होंने जांच की है.  इसके अलावा राजेश्‍वर सिंह वही हैं, जिन्‍होंने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24000 करोड़ लेने के आरोप में जेल भिजवा दिया था.

क्या कहा चिदंबरम ने

इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्ति चिदंबरम ने भाजपा और ईडी पर तंज कसते हुए कहा, ईडी से भाजपा में शामिल होने के लिए वीआरएस लेना पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी से मूल कंपनी में जाने जैसा है. राजेश्वर सिंह ने एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में कार्ति चिदंबरम और उनके पिता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की जांच की थी.

क्या राजेश्वर सिंह के कारण मंत्री स्वाति सिंह का टिकट कटा ?

कहा जा रहा है कि राजेश्वर सिंह के कारण ही योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह का टिकट कट गया है. बीजेपी ने सरोजनी नगर सीट से स्वाति सिंह की जगह राजेश्वर सिंह को उतारा है. राजेश्वर सिंह ने टिकट मिलने के बाद बीजेपी के आलाकमान का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा कि बीजेपी की विचारधारा को आगे बढ़ाऊंगा. पार्टी की विचारधारा देश का भविष्य है. योगी जी माफियाओं के खिलाफ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. हमें उनका समर्थन करने की जरूरत है. बढ़ती सांप्रदायिकता पर नियंत्रण की जरूरत है.