उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद ने तैयार किया गठबंधन का फॉर्मूला, बढ़ेगी बीजेपी की मुसीबत
सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का फॉर्मूला तैयार हो गया है. सूत्रों ने बताया है कि चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में ही गठबंधन होगा.
नई दिल्ली:
सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का फॉर्मूला तैयार हो गया है. सूत्रों ने बताया है कि चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में ही गठबंधन होगा. गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं होगी. बताया जा रहा है कि चुनाव में बसपा 38, समाजवादी पार्टी 37 और राष्ट्रीय लोकदल 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. माना जा रहा है कि तीनों दलों ने तय किया है कि गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाएगा. इस लिहाज से यह गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी गठबंधन होगा. कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह गैर बीजेपी दलों की रणनीति भी हो सकती है कि कांग्रेस को गठबंधन में शामिल न किया जाए.
यह भी पढ़ें : 2019 में भी बना रहेगा बीजेपी-शिवसेना का साथ, महागठबंधन सिर्फ भ्रम: अमित शाह
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी RLD) को मथुरा, बागपत और कैराना सीट देने पर सहमति बन गई है. यह भी बात हुई है कि समाजवादी पार्टी अपने कोटे से सहयोगी दलों निषाद पार्टी और पीस पार्टी को सीटें देंगी. फॉर्मूले के अनुसार, अमेठी और रायबरेली सीट पर गठबंधन का कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं होगा. बताया जा रहा है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है. 15 जनवरी को यूपी में गठबंधन की आधिकारिक घोषणा संभव बताया जा रहा है.
कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है. पहले कांग्रेस महागठबंधन की कवायद में जुटी थी, लेकिन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस को अलग रखकर फॉर्मूला तैयार कर लिया है. माना जा रहा है कि दोनों दलों ने हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के रवैये के विरोध में उसे अलग रखने का फैसला किया है. बता दें कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन की उम्मीद पाली थी, लेकिन कांग्रेस ने दोनों दलों को कोई भाव नहीं दिया था. तब मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस कर नाराजगी जताई थी और लोकसभा चुनाव में इसका हश्र भुगतने की भी चेतावनी दी थी. माना जा रहा है कि दोनों दलों ने आपस में गठबंधन करके कांग्रेस से बदला लेने का काम किया है.
यह भी पढ़ें : जब राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार मानने पर ही नहीं बन रही सहमति तो 2019 में कैसे बनेगा महागठबंधन?
कुछ सीटों पर दोस्ताना मुकाबला
इससे पहले प्रयोग के तौर पर गोरखपुर, फूलपुर और नूरपुर में हुए उपचुनाव में बसपा, सपा और रालोद ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बीजेपी को धूल चटाई थी. लगता है लोकसभा चुनाव में भी तीनों दल मिलकर उसी फॉर्मूले पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. तब भी कांग्रेस तीनों दलों के साथ नहीं थी और अब भी नए फार्मूले के अनुसार बने गठबंधन में भी कांग्रेस का नाम नहीं है. माना जा रहा है कि इस गठबंधन को कांग्रेस को भी समर्थन है, हालांकि कांग्रेस कुछ सीटों पर दोस्ताना मुकाबला करेगी. जहां अखिलेश यादव और उनके परिवार के लोग चुनाव लड़ेंगे, वहां कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं होंगे.
यह भी पढ़ें : कमलनाथ के उत्तर प्रदेश और बिहार के युवाओं पर बयान पर पूर्व CM शिवराज सिंह का पलटवार
यह है रणनीति
कांग्रेस को यह झटका तब लगा है, जब वह विधानसभा चुनावों में बीजेपी को धूल चटाने के बाद से जश्न के मूड में है. हालांकि माना जा रहा है कि यह एक रणनीति भी हो सकती है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसमें कुछ भी अप्रत्याशित नहीं है. ऐसा ही होना था, अगर आप उत्तर प्रदेश की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत भी जानते हैं तो इसमें आपको कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. जानकारों का मानना है कि बीजेपी को अगड़ों की पार्टी माना जाता है और कांग्रेस को अब भी काफी संख्या में अगड़ों के वोट मिलते रहे हैं. इन दलों की रणनीति यह है कि कांग्रेस बीजेपी का वोट काटेगी और पिछड़ों-दलितों का वोट सामूहिक रूप से गठबंधन को मिल जाएगा. इससे कम से कम उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सांसदों की संख्या घट जाएगी, ऐसा इनके रणनीतिकारों का मानना है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें