राहुल गांधी के ट्वीट के बाद उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन बिल पर लिया यू-टर्न
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है. एक बयान में उद्धव ठाकरे ने कहा, राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को तभी समर्थन देंगे, जब उनकी मांग मान ली जाएंगी.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Udhav Thackerey) ने मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है. एक बयान में उद्धव ठाकरे ने कहा, राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को तभी समर्थन देंगे, जब उनकी मांग मान ली जाएंगी. शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक का लोकसभा में समर्थन किया था, लेकिन सरकार से मांग की थी कि नागरिकता जिनको दी जाएगी, उन्हें अगले 25 साल तक वोट देने का अधिकार नहीं होगा.उद्धव ठाकरे का बयान राहुल गांधी के ट्वीट के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था- जो कोई भी इसका समर्थन करता है, वह हमारे राष्ट्र की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है.
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मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने करारा हमला बोलते हुए कहा था- नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 भारतीय संविधान पर हमला है. जो कोई भी इसका समर्थन करता है, वह हमारे राष्ट्र की नींव को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है. शायद राहुल गांधी का इशारा शिवसेना की ओर ही था. बताया जा रहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर शिवसेना का समर्थन देना कांग्रेस को नागवार गुजरी है. यह भी कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपनी नाराजगी शिवसेना तक पहुंचाई थी.
सोमवार को शिवसेना ने बिल का समर्थन तो कर दिया, लेकिन मंगलवार सुबह से ही शिवसेना की ओर से विरोधाभासी बयान आने लगे, तभी से राजनीतिक हलकों में यह कयास लगाए जाने लगे कि शिवसेना शायद ही नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का राज्यसभा में समर्थन कर पाए. पहले संजय राउत का ट्वीट आया. उन्होंने कहा, राजनीति में कोई भी निर्णय अंतिम नहीं होता है. उसके बाद अरविंद सावंत का बयान आया, जिसमें उन्होंने कहा- शिवसेना देशहित में फैसले लेती है. जो कोई भी फैसला देशहित में होता है, शिवसेना उसके साथ खड़ी होती है.
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उसके बाद अंत में अब उद्धव ठाकरे का बयान आ गया है. उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना तब तक इस बिल का समर्थन नहीं करेगी, जब तक उनकी मांग नहीं मान ली जाती. शिवसेना की मांग है कि जिन शरणार्थियों को नागरिकता दी जाए, उन्हें अगले 25 सालों तक मताधिकार से वंचित रखा जाए. हालांकि सरकार ने इस मांग पर अब तक कोई विचार नहीं किया है. जाहिर है कि शिवसेना इस बिल का विरोध करेगी.
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