परम बीर सिंह का चहेता था सचिन वाजे : रिपोर्ट
मुंबई पुलिस के वर्तमान आयुक्त हेमंत नागराले द्वारा महाराष्ट्र गृह विभाग में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, विवादास्पद निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे , तत्कालीन मुंबई पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह के चहेते थे.
highlights
- सचिन वाझे परमबीर के थे चहेते अफसर
- परमबीर सिंह ने सचिन वाझे पर लगाए आरोप
- वाझे लोवर API रैंक के थे, लेकिन CIU के प्रभारी का कार्यभार
मुंबई:
मुंबई पुलिस के वर्तमान आयुक्त हेमंत नागराले (Police Superentendent Hemant Nagrale) द्वारा महाराष्ट्र गृह विभाग में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, विवादास्पद निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaze), तत्कालीन मुंबई पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह के चहेते थे. रिपोर्ट में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के इलीट अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) में सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) के नौ महीने के लंबे कार्यकाल का विवरण है. शीर्ष पुलिस अधिकारियों के विरोध के बावजूद उन्हें जून 2020 में सिंह द्वारा बहाल किया गया था. पुलिस स्थापना बोर्ड ने इस संबंध में फैसला किया था.
दो पुलिस इंस्पेक्टर- सुधाकर देशमुख और विनय घोरपड़े- को यूनिट 01 और 10 में स्थानांतरित कर दिया गया. यह निर्णय वाजे के लिए रास्ता बनाने के लिए था. जो एक लोवर एपीआई रैंक के थे, लेकिन सीआईयू के प्रभारी के रूप में तैनात किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, "टेलीफोन पर दी गई जानकारी के अनुसार, तत्कालीन जेटी सीपी (अपराध) ने सचिन वाजे की पोस्टिंग का कड़ा विरोध किया था. लेकिन तत्कालीन सीओपी (सिंह), तत्कालीन जेटी सीपी (क्राइम) के आग्रह पर अनिच्छा से वाजे की सीआईयू में पोस्टिंग के बाबत कार्यालय में आदेश जारी किया."
5 जून, 2020 को उनकी निलंबन अवधि समाप्त होने के बाद, वाजे को फिर से बहाल कर दिया गया था और 8 जून, 2020 को सशस्त्र पुलिस बल में एक गैर-कार्यकारी पद पर तैनात किया गया था, लेकिन इसके कुछ दिनों बाद, उन्हें सीआईयू में नियुक्त कर दिया गया. मार्च में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एसयूवी मामले और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की की मौत के बाद वाजे को गिरफ्तार किया था.
कोर्ट में क्या हुआ ?
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) की याचिका पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में कोर्ट ने अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर लगे वसूली के आरोप की सीबीआई जांच करने की संस्तुति प्रदान कर दी है. कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों के भीतर जांच की प्राथमिक रिपोर्ट को अदालत में सौंपने का निर्देश दिया है. बता दें कि परमबीर सिंह ने अपने तबादले को रद्द करने समेत गृह मंत्री पर लगे 100 करोड़ की वसूली के आरोपों की सीबीआई (CBI) जांच कराने की याचिका दायर की थी.
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