मांगने से बेहतर मरना... हाथ से सीएम पद जानें के बाद क्या बोले शिवराज सिंह चौहान?
मध्य प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यूं तो कहा कि, वे प्रदेश में सीएम पद के लिए उनकी जगह मोहन यादव की नियुक्ती को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद, आखिरकार कल यानि सोमवार को पार्टी आलाकमान ने सूबे के नए सीएम का ऐलान कर दिया है. बीते तकरीबन 17 सालों से टूकड़ों-टूकड़ों में प्रदेश की सियासी गद्दी पर सवार, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटाकर, पार्टी ने उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे डॉक्टर मोहन यादव को सूबे का दारोमदार सौंपा है. इसके बाद से ये खबर प्रदेश समते देशभर में चर्चाओं में है. हालांकि मध्य प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आलाकमान के इस फरमान को कबूला है, मगर आज यानि मंगलवार को उनके हालिया बयान ने बहुत कुछ अनोखा जाहिर हो रहा है...
गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यूं तो कहा कि, वे प्रदेश में सीएम पद के लिए उनकी जगह मोहन यादव की नियुक्ती को पूरी तरह से स्वीकार करते हैं. साथ ही विश्वास जताया कि, सीएम मोहन यादव के अगुवाई में राज्य सरकार प्रदेश में चल रही तमाम जन लाभ की परियोजनाओं को पूरा करेगी, साथ ही प्रदेश की प्रगति और विकास के लिए काम करेगी. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, वे सीएम मोहन यादव का समर्थन करते रहेंगे, जिससे प्रदेश नई ऊंचाइयों को हासिल करे. वहीं इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल का जिक्र भी किया, उन्होंने बताया कि बीते 18 सालों में राज्य ने महत्वपूर्ण प्रगति देखी है.
नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव...
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को भी सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने इस तरह के सवालों को महज काल्पनिक करार देते हुए, हाईकमान के आदेश का पालन करने की बात कही है. उन्होंने बताया कि वे एक बड़े मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पार्टी के इस फैसले पर किसी तरह की आपत्ति को लेकर पूछे गए प्रश्न में उन्होंने स्पष्ट जवाब देते हुए कहा कि, उन्हें किसी तरह का कोई अन्याय महसूस नहीं हुआ, क्योंकि पार्टी द्वारा उन्हें 18 साल तक शीर्ष पद सौंपा गया था. बतौर एक साधारण कार्यकर्ता बड़ी बात थी. उन्होंने कहा कि, पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया, लिहाजा अब वक्त है लौटाने का.
मैं मरना पसंद करूंगा...
वहीं जब शिवराज सिंह चौहान से उनके सियासी सफर को, जब दिल्ली मोड़ने से जुड़े सवाल पूछे गए तो, उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली से कुछ मांगने की बजाए मन जाना ज्यादा पसंद करूंगा. बता दें कि इससेपहले आज, शिवराज ने भावुक महिला समर्थकों से भी मुलाकात की, जिनमें से कुछ की आंखों से आंसू छलक पड़े.
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