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NGO और चाइल्ड लाइन की पहल पर रुकी नाबालिग बच्ची की शादी, जिंदगी बर्बाद होने से बची

मामला बोरियों थाना क्षेत्र के बोरियों संथाली के बाईपास हाइवे पेट्रोल पंप के समीप का है, जहां प्रकाश मंडल की नाबालिक पुत्री की शादी हिन्दु रिवाज से की जानी थी. इसी बीच नाबालिग़ बच्ची की शादी की ख़बर मंथन संस्था को मिली.

Updated on: 09 Jul 2023, 10:47 PM

highlights

  • साहिबगंज में एनजीओ, चाइल्ड लाइफ की पहल
  • नाबालिग बच्ची की शादी रुकवाई
  • बोरियो थाना अंतर्गत बोरियो संथाली का मामला
  • लड़की के पिता को 18 साल के बाद शादी की दी सलाह

Sahibganj:

साहिबगंज जिले के बोरियो थाना अंतर्गत बोरियो संथाली में मंथन संस्था और चाइल्ड लाइन के द्वारा काफी मशक्कत के बाद एक बाल विवाह को रोक वाया गया.  मंथन संस्थान एवं चाइल्ड लाइन के द्वारा टीम गठित कर बोरियो पुलिस एवं बोरियो बीडीओ टुडू दिलीप की मदद से एक नाबालिग लड़की की शादी को रुकवा दी गई है. मामला बोरियों थाना क्षेत्र के बोरियों संथाली के बाईपास हाइवे पेट्रोल पंप के समीप का है, जहां प्रकाश मंडल की नाबालिक पुत्री की शादी हिन्दु रिवाज से की जानी थी. इसी बीच नाबालिग़ बच्ची की शादी की ख़बर मंथन संस्था को मिली, जिसके बाद संस्था द्वारा दल बल के साथ नाबालिक के घर पहुंच कर बच्ची की स्कूली कागजात एवं सर्टिफिकेट का मांग की गई. हालांकि, तबतक बारात शादी समारोह में नहीं पहुंची थी. इसके बाद घरवालों द्वारा काफी इंतजार करने के बाद कागजात को लेकर संस्था के समन्वयक शिव प्रसाद ओझा एवं उसके टीम के साथ कागजात लेकर थाना पहुचे.

 

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थाने में कागजात की जांच बीडीओ सह सीओ टुडू दिलीप व थाना प्रभारी निरंजन कच्छप के द्वारा जांच पड़ताल की गई तथा पाया गया का नाबालिग की उम्र अभी मात्र 16 साल 8 महीना ही है. जिसके बाद थाना प्रभारी निरंजन कच्छप के द्वारा नाबालिक एवं उसके घर वालो से उपक्रम पत्र दस्तखत करवा कर कड़ी हिदायत देते हुए. बाल विवाह ना करने की सलाह दी और घरवालो से लड़की की 18 वर्ष के बाद विवाह करने को कहा गया. मौके पर चाइल्डलाइन से प्रदीप कुमार, कौसर अमन, मनीष कुमार सहित तमाम लोग मौजूद थे.

नाबालिग बच्चियों की शादी कराना है गुनाह

भारत में वैसे तो लड़कियों को देवी के रूप में पूजा जाता है लेकिन आज भी सामाजिक कुरीतियां फैली हुई हैं और बाल  विवाह के कई बार मामले सामने आते रहे हैं. कानूनन 18 साल से कम लड़के या लड़की की शादी करना या कराना दोनों ही गुनाह है. इसमें 02 वर्ष से लेकर आजीवन तक की सजा का प्रावधान है. इतना ही नहीं शादी में शामिल होने वाले बरातियों व पुरोहित के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. बाल विवाह के खिलाफ तमाम सामाजिक संगठन हैं जो अपनी भूमिका अदा करते रहते हैं. इसके अलावा न्यायालय भी बाल विवाह के मामले को गंभीरता से लेता है व दोषियों के खिलाफ अधिकतम सजा सुनाता है.