हवा में मेट्रो की सुविधा! शिमला में बन रहा दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोप-वे, जानें
इस रोप-वे की लंबाई 13. 79 किलोमीटर होगी, जो एशिया के सबसे लंबे रोप-वे और दुनिया का दूसरा सबसे लंबे रोप-वे की पहचान हासिल करेगा. बता दें कि इस प्रोजेक्ट को तैयार करने की कुल लागत, तकरीबन 1,555 करोड़ के आसपास आएगी.
नई दिल्ली :
हिमाचल प्रदेश में बनने जा रहा दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोप-वे... राज्य की इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जानकारी खुद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दी है. बता दें कि हाल ही में प्रदेश सचिवालय में एक प्रेसकॉन्फेंस के दौरान डिप्टी सीएम ने इस विशाल प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एशिया का सबसे लंबा रोप-वे बनेगा. इस रोप-वे की लंबाई 13. 79 किलोमीटर होगी, जो एशिया के सबसे लंबे रोप-वे और दुनिया का दूसरा सबसे लंबे रोप-वे की पहचान हासिल करेगा. बता दें कि इस प्रोजेक्ट को तैयार करने की कुल लागत, तकरीबन 1,555 करोड़ के आसपास आएगी, जिसे बनने में करीब-करीब 5 साल यानि 2029 तक का वक्त लगेगा...
गौरतलब है कि, इस 13. 79 किलोमीटर लंबाई वाले रोप-वे रूट पर तकरीबन 13 स्टेशन होंगे, जिसपर 660 केबिन बनाए जाएंगे. इससे सफर करने वालों को करीब-करीब हर 2 से 3 मिनट के अंतराल में केबिन की सुविधा उपलब्ध मिलेगी. न सिर्फ इतना, बल्कि हूबहू मेट्रो ट्रेन की तरह ही इसमें रेड, ग्रीन और ब्लू लाइने होंगी, जिसपर यात्री अपने सफर के मुताबिक इंटरचेंज का लुत्फ उठा पाएंगे. सरकार ने तय किया है कि इस रोप-वे का किराया काफी कम, मसलन बस के किराए के अनुसार रखा जाएगा.
सरकार के सामने 40 साल की चुनौती...
बता दें कि सरकार अगले 40 साल की चुनौतियों को देखते हुए इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इसके लिए परवाणु से शिमला तक करीब 6800 करोड़ रुपये की लागत के साथ, 38 किलोमीटर लंबा रो-पवे बनाया जाएगा. तो वहीं नारकंडा से हाटू पीक 172 करोड़, पालमपुर से थथली 585 करोड़, चिंतपूर्णी माता मंदिर के लिए 75 करोड़, जाबली से कसौली 253 करोड़, बाबा बालकनाथ मंदिर में 65 करोड़, बीड़ बिलिंग के लिए 156 करोड़ की लागत से पीपीपी मोड पर रो-पवे बनाया जाएगा.
सरकार का मानना है कि, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद शिमला को ट्रैफिक जाम से काफी हद तक निजात मिलना मुमकिन होगा. बता दें कि प्रोजेक्ट का पहला फेज शुरुआती ढाई सालों में हो जाएगा, जिसे 250 केबिन के साथ शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है.
रोप-वे पर ये होंगे 13 स्टेशन
जैसा की पहले ही बताया गया है कि, सरकार द्वारा इस रोप-वे पर फिलहाल कुल 13 स्टेशन बनाने की प्लानिंग हो रही है, जिसमें पहला स्टेशन तारादेवी में बनेगा. फिर ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, रेलवे स्टेशन, टूटीकंडी, ओल्ड बस स्टैंड शिमला, सचिवालय छोटा शिमला, नव बहार, संजौली, आईजीएससी, आइस स्केटिंग रिंग और 103 टनक के करीब स्टेशन को तैयार किया जाएगा...
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