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दिल्ली HC ने निर्भया के दोषी मुकेश की अर्जी खारिज की, पुलिस पर लगाया था ये बड़ा आरोप

निर्भया केस (Nirbhaya Case) के दोषी फांसी से बचने के लिए लगातार नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं.

Updated on: 18 Mar 2020, 08:54 PM

नई दिल्ली:

निर्भया केस (Nirbhaya Case) के दोषी फांसी से बचने के लिए लगातार नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. इसी क्रम में दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया केस के दोषी मुकेश (Mukesh) की अर्जी खारिज की. दोषी मुकेश ने दिल्ली पुलिस पर दस्तावेज छुपाने के आरोप लगाते हुए फांसी की सजा पर रोक की मांग की थी. इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने अर्जी को खारिज कर दिया. उसके खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई थी.

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दोषियों के वकील ने दिल्ली कोर्ट में दाखिल की याचिका, फांसी पर रोक लगाने की मांग

निर्भया मामले (Nirbhaya case) में दोषियों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर फांसी पर रोक की मांग की. उन्होंने याचिका में कहा कि दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और अक्षय सिंह (Akshay) की दया याचिका राष्ट्रपति के पास. लिहाजा. 20 मार्च को फांसी नहीं हो सकती है. इस पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. इस मामले में गुरुवार दोपहर 12 बजे सुनवाई होगी. वहीं, दूसरी ओर दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका पर भी गुरुवार सुबह 10.25 बजे पर छह जज बंद चैम्बर में विचार करेंगे. पवन ने अपनी याचिका में एक बार फिर नाबालिग होने का दावा दोहराया है.

अक्षय ने फिर लगाई दया याचिका तो पवन ने किया ये काम

फांसी से बचने के लिए निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले (Nirbhya Gangrape Case) के दोषी बार-बार नया पैंतरा अपना रहे हैं. चारों दोषियों में से एक अक्षय (Akshay) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित करते हुए जेल प्रशासन को अपनी दया याचिका सौंपी है. इस दया याचिका को दिल्ली सरकार के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. वहीं, दोषी पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक और क्यूरेटिव याचिका दायर की है. इसमें दावा किया गया कि अपराध करने के समय वह नाबालिग था और इसलिए उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाना चाहिए.

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बता दें कि इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश की ओर से मृत्युदंड पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को रद्द कर दिया था. मुकेश ने फांसी को रद्द करने की मांग की थी. निर्भया केस के चार दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. दोषी मुकेश ने अपनी याचिका में कहा कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए इस अपराध के दौरान वह शहर में मौजूद नहीं था. उसने अपने बचाव में दावा किया है कि घटना के एक दिन बाद 17 दिसंबर, 2012 को उसे राजस्थान से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया.

निर्भया के दोषी पवन ने जेल में पिटाई की कही थी बात

फांसी की सजा टालने के लिए निर्भया के एक और दोषी पवन की मंडावली जेल में पिटाई के मामले में दोषी पुलिसवालों पर एफआईआर की मांग वाली अर्जी पर कड़कड़डूमा अदालत ने 8 अप्रैल तक तिहाड़ जेल प्रशासन से कार्यवाही रिपोर्ट तलब की है. हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस आदेश का असर निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा पर कतई नहीं पड़ेगा. पवन ने अपनी अर्जी में कहा था कि दो पुलिस कर्मियों ने उसे बुरी तरह से मारा था, जिससे उसके सिर में टांके आए थे.

निर्भया के गुहनगारों के परिवारवालों ने इच्छामृत्यु की मांग की

उधर, अपने बच्चों को फांसी से बचाने के लिए चारों दोषियों के परिवारवालों ने इच्छा मृत्यु की मांग की. निर्भया केस के चारों दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति से अपने लिए इच्छा मृत्यु की इजाज़त मांगी है. 13 लोगों ने खत लिखकर इच्चा मृत्यु की मांग की है. दोषी मुकेश के परिवार में दो लोग, दोषी पवन और विनय के परिवार में चार-चार और अक्षय के परिवार के 3 सदस्यों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है.