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Delhi-NCR Air Pollution: स्मॉग की चपेट में दिल्‍ली-NCR! पराली के धुएं के कारण AQI का स्तर बिगड़ा

Delhi-NCR Air Pollution: पराली के धुएं के कारण दिल्‍ली सहित नोएड में हालत खराब है. नोएडा के इलाकों में सुबह 9 बजे से ही आसपास धुंध छाई रही.

Updated on: 13 Oct 2023, 01:38 PM

highlights

  • दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के आसपास AQI Level 313 तक दर्ज किया
  • नोएड में AQI Level 212 दर्ज किया गया
  • पराली के धुएं के कारण दिल्‍ली सहित नोएड में हालत खराब

नई दिल्‍ली :

एक बार फिर उत्‍तर भारत के मौसम ने तेजी से करवट ली है. मैदानी इलाकों में फसलों के अवशेष यानि पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. इस कारण वातावरण में स्मॉग का स्तर बढ़ रहा है. कई तरह की पा​बंदियों के बावजूद ऐसा देखने को मिल रहा है. इसका असर दिल्‍ली-एनसीआर के मौसम पर भी देखने को मिल रहा है. दिल्‍ली-एनसीआर के कई क्षेत्र शुक्रवार सुबह स्मॉग की चपेट (Delhi-NCR Air Pollution) में आ गए. पराली के धुएं के कारण दिल्‍ली सहित नोएड में हालत खराब है. नोएडा के इलाकों में सुबह 9 बजे से ही आसपास धुंध छाई रही. इसे स्मॉग कहा जाता है. 

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SAFAR (सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के अनुसार, शुक्रवार सुबह साढ़े 9 बजे तक दिल्ली का वायु गुणवत्‍ता स्‍तर यानि AQI Level 190 पर था. हालांकि यह स्‍तर सुधारात्‍मक श्रेणी के अंदर आता है. मगर ये खराब श्रेणी के बेहद नजदीक रहा.

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के आसपास एयर क्‍वालिटी का लेवल ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहा. यहां पर AQI Level 313 तक दर्ज किया गया. टर्मिनल 3 पर भी AQI Level दम तोड़ता दिखा. यहां पर हालत खराब देखी गई. ये 204 पर रहा. वहीं धीरपुर में भी हवा का स्तर बेहद खराब श्रेणी में देखने को मिला. यहां पर AQI 304 दर्ज किया गया.

राजधानी में अन्य जगहों की बात करें तो आनंद विहार, विवेक विहार और दिलशाद गार्डन तो यहां पर भी वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब श्रेणी में दिखाई दिया. यह क्रमश: 260, 258 और 263 पर रहा. नोएड में AQI Level 212 दर्ज किया गया. गुरुग्राम में हालात थोड़े बहुत बेहतर दिखाई दिए. यहां पर AQI 127 देखा गया.

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर

गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब में फसल अवशेष (पराली) जलाए जाने के मामले ​ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. हर वर्ष अक्टूबर और नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है. इसका कारण है कि पंजाब तथा हरियाणा में धान की पराली जलाने के कई मामले सामने आते हैं.