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CAG का खुलासा-केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से मुनाफ़े में चल रही है दिल्ली सरकार

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में दिल्ली सरकार ने अपना रेवेन्यू सरप्लेस (Revenue Surplus) मेनटेन रखा है. दिल्ली सरकार अरविंद केजरीवाल के हाथों में आने के बाद कभी भी घाटे में नहीं रही. सीएजी के आंकड़े दिल्ली विधानसभा में रखे गए...

Updated on: 06 Jul 2022, 02:26 PM

highlights

  • अरविंद केजरीवाल के सीएम बनने के बाद से फायदे में दिल्ली सरकार
  • साल 2015 से लगातार सरप्लस रहा दिल्ली सरकार का रेवेन्यू
  • दिल्ली विधानसभा के पटल पर रखी गई सीएजी की रिपोर्ट

नई दिल्ली:

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में दिल्ली सरकार ने अपना रेवेन्यू सरप्लेस (Revenue Surplus) मेनटेन रखा है. दिल्ली सरकार अरविंद केजरीवाल के हाथों में आने के बाद कभी भी घाटे में नहीं रही. सीएजी के आंकड़े दिल्ली विधानसभा में रखे गए, जिसमें से ये जानकारी सामने आई है. दिल्ली ऐसा राज्य है, जो साल 2015 से रेवेन्यू सरप्लस हासिल करता रहा है. दिल्ली विधानसभा में रखे गए सीएजी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का रेवेन्यू सरप्लस (Revenue Surplus of Delhi Government) बढ़ा ही है. साल 2019-2020 की सीएजी ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने 7,499 करोड़ का रेवेन्यू सरप्लस हासिल किया है, जो उसके पिछले साल के मुकाबले ज्यादा ही रहा. 

अरविंद केजरीवाल बोले-सीएजी रिपोर्ट हमारी इमानदारी का सबूत

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में दिल्ली सरकार का राजस्व अधिशेष 7,499 करोड़ रुपये था, जो दर्शाता है कि इसकी राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए पर्याप्त थीं. इस रिपोर्ट के आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक न्यूज लिंक शेयर किया, और अपनी सरकार की तारीफ की. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'यह कैग की रिपोर्ट है. इसमें कहा गया है कि आप के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली सरकार लाभ में चल रही है. संख्याएं आप की ईमानदारी का सबसे बड़ा सबूत हैं. इस ईमानदारी ने हमारे विरोधियों की नींद उड़ा दी है.'

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मनीष सिसोदिया ने सदन में रखी सीएजी रिपोर्ट

दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जो दिल्ली सरकार के वित्त से जुड़े मामले भी संभालते हैं. उन्होंने विधानसभा के पटल पर ये सीएजी रिपोर्ट रखी. इस रिपोर्ट में अहम जानकारी ये है कि दिल्ली सरकार का 2015-16 के मुकाबले 2019-20 में सब्सिडी का खर्च जरूर पढ़ा है. दिल्ली सरकार साल 2015-16 तक 1867.6 करोड़ रुपये हर साल सब्सिडी पर खर्च करती थी, जो अब बढ़कर 3592 करोड़ हो गया है. दिल्ली सरकार के बढ़े खर्च की वजह है बिजली पर सब्सिडी. दिल्ली सरकार करीब 47 लाख कनेक्शनों पर 400 यूनिट के खर्च तक सब्सिडी देती है. दिल्ली सरकार महिलाओं की डीटीसी बसों में यात्रा पर भी काफी खर्च करती है. इसके अलावा पानी के बिल में भी सरकार छूट देती है.