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दिल्ली की झुग्गियों को तोड़ने के खिलाफ AAP, लगाए गंभीर आरोप

Delhi Slums Demolition: दिल्ली की झुग्गियों को हटाने क आम आदमी पार्टी हमेशा विरोध कर रही है. इसे लेकर गुरुवार को आप विधायक दिलीप पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

Updated on: 07 Mar 2024, 08:44 PM

नई दिल्ली:

Delhi Slums Demolition: दिल्ली सरकार हमेशा राजधानी की झुग्गियों को तोड़ने के खिलाफ रही है. जिससे दिल्ली में रहने वाली इस 30 फीसदी आबादी के सिर से छत न छिन जाए. आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाली ये 30 प्रतिशत जनता राजधानी की मात्र 0.50 फीसदी जमीन पर बसी हुई है. दिल्ली की झुग्गियों को लेकर दिल्ली विधानसभा में पिछले दिनों चर्चा हुई. गुरुवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडे ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दिलीप पांडे ने कहा कि केंद्र की एजेंसियां लगातार झुग्गियों को तोड़ रही हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को ये बस्तियां दिल्ली के चेहरे पर बदनुमा दाग लगती हैं. आप विधायक ने कहा कि हम केंद्र और एलजी साहब से कहना चाहते हैं कि अगर झुग्गियां तोड़ने के लिए बुलडोजर भेजे गए तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, विधायक और मंत्री तक अपनी जान की परवाह किए बगैर उसके आगे लेटने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

'आप' ने लगाया गंभीर आरोप

आम आदमी पार्टी विधायक दिलीप पांडे ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले एक-डेढ़ साल से केंद्र सरकार दिल्ली की 30 फीसद आबादी के सिर के छत छीनने पर आमादा है. कुछ दिन पहले दिल्ली विधानसभा में इस विषय पर एक दिन की लंबी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि ये दुखद है कि केंद्र सरकार को दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले लोगों से नफरत है. उन्हें दिल्ली के अंदर ये बस्तियां गंदी लगी हैं उनको ये झुग्गी बस्तियां दिल्ली के चेहरे पर बदनुमा दाग लगती हैं. लेकिन सच तो यह है कि इन बस्तियों की वजह से ही दिल्ली शहर साफ-सुथरा है और देखने लायक है. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली की 30 फीसद आबादी इस खौफ के साथ जी रही है कि न जाने कब उनके सिर से छत छीन ली जाएगी. यह बेहद शर्मनाक है कि ये 30 फीसद लोग दिल्ली के कुल भूभाग के केवल 0.5 फीसद पर बसे हुए हैं. ये कैसा समानता व समाजिक न्याय है.

सुंदर नगर की बस्तियों के ध्वस्त किया गया- दिलीप पांडे

'आप' नेता दिलीप पांडे ने kue kf डूसिब की 675 मान्यता प्राप्त झुग्गी बस्तियों की लिस्ट में शामिल होने के बाद भी पिछले दिनों केंद्र सरकार ने कोर्ट का हवाला देकर सुंदर नगर की बस्तियों को ध्वस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तहत आने वाली एंजेसियां जैसे कि रेलवे, डीडीए, एलएनडीओ और एएसआई की जमीनों पर बनी बस्तियों को केंद्र के इशारे पर एक-एक करके उजाड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब बुलडोजर मजनू के टीले तक भी पहुंच गया है.

पाकिस्तान में अत्याचार से परेशान होकर भारत में शरण लेने वाले जिन हिन्दू शरणार्थियों ने 11-12 साल पहले दिल्ली के मजनू के टीले में अपनी बस्ती बसाकर मुश्किल से अपना जीवन जीना शुरू किया था, आज उनके सिर से दोबारा छत छीनी जा रही है. पांडे ने कहा कि उन्हें क्या पता था कि यहां आकर भी अत्याचार, भ्रष्टाचार और अमानवता उनका पीछा नहीं छोड़ेगी. नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंदर बस्तियों को गिराने का भी प्लान है. तुगलकाबाद में एएसआई की आड़ में बस्तियां गिराई गईं.

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'गरीब की आह न लें एलजी साहब' 

आप विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार और डीडीए के चेयरमैन एलजी साहब लगातार इन गरीब-मजबूर लोगों के सिर से छत छीनता हुआ देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें गरीब की आह नहीं लेनी चाहिए. ऊपर वाले की लाठी बे-आवाज होती है. इसके साथ ही दिलीप पांडे ने कहा कि मैं अपील करता हूं कि केंद्र सरकार की एजेंसियों और एलजी साहब को इतना बे-दिल नहीं बनना चाहिए और इस तरह से इन गरीबों से मुंह नहीं फेरना चाहिए. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी उन गरीबों को बेघर नहीं होने देगी. विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि मैं केंद्र सरकार और एलजी साहब से कहना चाहते हैं कि झुग्गियों को तोड़ना बंद करें. अगर झुग्गियां तोड़ी गई तो इसे रोकने के लिए हमें भले ही सड़क पर संघर्ष करना पड़े, जेल जाना पड़े या कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़े, हम न्याय के लिए हर जगह जाएंगे.

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