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महिला आरक्षण बिल: ललन सिंह बोले-'ये महिलाओं के साथ छलावा है और 2024 के लिए चुनावी जुमला है'

ललन सिंह ने कहा कि ये बिल 2024 का चुनावी जुमला है. इस बार महिलाओं को छलने का काम ये लोग करना चाहते हैं. 2014 में इन्होंने बेरोजगारों को छला दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा करके. उन्होंने आगे कहा कि 2014 में इन्होंने देश के गरीबों को छला.

Updated on: 20 Sep 2023, 04:17 PM

highlights

  • ललन सिंह ने बोला मोदी सरकार पर करारा हमला
  • महिला आरक्षण  बिल को बताया महिलाओं के साथ छलावा
  • बिल को बताया 2024 का चुनावी जुमला

Delhi:

महिला आरक्षण बिल को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष  व सांसद ललन सिंह ने संसद में चर्चा के दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि ये बिल 2024 का चुनावी जुमला है. इस बार महिलाओं को छलने का काम ये लोग करना चाहते हैं. 2014 में इन्होंने बेरोजगारों को छला दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा करके. उन्होंने आगे कहा कि 2014 में इन्होंने देश के गरीबों को छला. कहा था काला धन वापस लाएंगे और सबके खाते में 15-20 लाख पहुंचाएंगे और इस बार देश की महिलाओं को छलना चाहते हैं.

मोदी सरकार की मंशा ठीक नहीं

केंद्र की मोदी सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए ललन सिंह ने कहा कि अगर इनकी मंशा होती तो 2021 में ही जाति आधारित जनगणना शुरू कराई होती. इसलिए कि इस देश  की मांग जाति आधारित जनगणना कराए और इसकी मांग सदन में होती रही है  लेकिन आपको कराना नहीं था. इसलिए कि आपको कराना नहीं है. केंद्र सरकार का विश्वास गरीबों, पिछड़ों, वंचितों को न्याय दिलाने में नहीं है. इसलिए ही जातीय जनगणना नहीं कराई. अगर आपने शुरू कराया होता तो अबतक जनगणना खत्म हो गई होती और आज लागू हो गया होता. 

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ललन सिंह ने आगे कहा कि केंद्र की मंशा ठीक नहीं है. केंद्र ने 334-ए का प्रावधान जो किया है वो अनिश्चितकाल तक चलता रहेगा और 2024 में महिलाओं के लिए जुमलाबाजी करके उन्हें छलने का काम करेंगे लेकिन देश की महिलाएं आपकी बातों और जुमले में नहीं आने वाली हैं.

बिहार सरकार से सीखे मोदी सरकार

ललन सिंह ने एनडीए धड़े के एक सांसद द्वारा बिहार पर टिप्पणी किए जाने पर ललन सिंह ने कहा कि बिहार से आप लोग कुछ सीखिए. बिहार पहला राज्य है जो 2005 में सरकार बनी और 2006 में 50 फीसदी आरक्षण दिया. 2015 में 33 फीसदी आरक्षण राज्य सरकार की सारी सुविधाओं में आरक्षण दिया. मोदी सरकार की तरह साढ़े चार साल इंतजार नहीं किया. 

घबराहट में लाया गया है बिल

ललन सिंह ने कहा कि जब पटना, बेंगलुरू और मुंबई में INDIA गठबंधन के दलों की मीटिंग हुई तो मोदी सरकार को घबराहट हुई और ये बिल घबराहट में लाया गया है. उन्होंने कहा कि एक करोड़ तीस लाख ग्रामीण महिलाओँ को बिहार की सरकार ने जीविका के माध्यम से सशक्त करने का काम किया है. मोदी सरकार को महिला सशक्तिकरण से कोई मतलब नहीं है. इस सरकार को सिर्फ अपनी कुर्सी से मतलब है और कुर्सी बचाने के लिए कोई भी जुमला कर सकते हैं. 

देश की मांग है जाति आधारित जनगणना

ललन सिंह ने आगे कहा कि आज देश की मांग है जाति आधारित जनगणना की जरूरत है. आज जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है उसमें पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए लेकिन इसमें नहीं है. बिहार में हमने निकाय चुनावों में आरक्षण का प्रावधान एकल पथ पर दिया है, क्या बात करेंगे प्रवचन देने वाले. अभी बिहार की सरकार ने जब जाति आधारित जनगणना कराने का काम शुरू किया तो मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में खड़ी हो गई और बात करते हैं नारी शक्ति बंदन की. आप अपना बंदन कर रहे हैं, अपनी  कुर्सी का बंदन करते हैं. आपके गृहमंत्री तो पहले ही कह चुके हैं कि ऐसे चुनावी जुमले चुनाव में चलते रहते हैं. 2024 में देश की सत्ता से आपको जनता हटाकर रहेगी. अपनी सत्ता को बचाने के लिए इस बिल को लाए हैं. ललन सिंह ने कहा कि बिल महिलाओं के लिए लेकिन इसमें खामियां हैं बावजूद इसके हम इसका समर्थन करते हैं.