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महिला बिल को लेकर सुशील मोदी का CM नीतीश पर करारा हमला, लगाया अबतक का सबसे बड़ा आरोप

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार, राबड़ी देवी और कांग्रेस के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं, वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फँस जाए.

Updated on: 21 Sep 2023, 07:46 PM

highlights

  • सुशील मोदी ने बोला नीतीश पर हमला
  • लालू, राबड़ी पर भी लगाया हमला
  • महिला बिला को SC में फंसाने के प्रयास का लगाया आरोप

Patna:

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने महिला आरक्षण को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि महिला बिल को कोर्ट के चक्कर में फँसाना नीतीश कुमार फंसाना चाहते हैं. जनगणना के बाद परिसीमन आयोग रिजर्व सीटों को तय करेगा और अगर इसमें जल्दबाजी की गई, तो तुरंत सुप्रीम कोर्ट विपक्ष जाएगा. सुशील मोदी ने कहा कि राव सरकार ने जो गलती की थी उसे नहीं दोहराया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में लागू होगा महिला आरक्षण.

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार, राबड़ी देवी और कांग्रेस के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं, वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फँस जाए. सुशील मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से पारित कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली सफलता विपक्ष को पच नहीं रही, इसलिए वे इसके लागू होने पर संदेह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में अवश्य लागू होगा, यह भरोसा रखना चाहिए.

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सुशील मोदी ने कहा कि बिना जनगणना कराये सरकार यह नहीं तय कर सकती कि कितनी और कौन-कौन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. सुशील मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से यही परम्परा रही कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन आयोग आरक्षित सीटों का निर्धारण करता है. उन्होंने कहा कि जो लोग जल्दबाजी में महिला आरक्षण को 2024 के संसदीय चुनाव से लागू कराने की बात कर रहे हैं, वही ऐसे कदम के खिलाफ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट जाएँगे.

सुशील मोदी ने कहा कि 1991में नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश जारी कर ऊँची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दे दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर आरक्षण रद कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में जब संविधान संशोधन बिल पास करा कर सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब यह न्यायालय में खरा साबित हुआ. यही आरक्षण आज लागू है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को 33फीसद आरक्षण देने का फैसला करने और इसे लागू करने में एनडीए सरकार कोई वैधानिक त्रुटि नहीं छोड़ सकती.