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'काशी विश्वनाथ' में राहुल गांधी को नहीं मिली कैमरे की अनुमति, सम्राट चौधरी ने दिया जवाब

राहुल गांधी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भी पहुंचे, तो राहुल गांधी और अन्य नेताओं को मंदिर में कैमरे के साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी.

Updated on: 18 Feb 2024, 02:09 PM

highlights

  • राहुल गांधी को नहीं मिली कैमरे की अनुमति
  • कांग्रेस नेता ने भाजपा पर लगाया आरोप
  • भाजपा ने आरोपों को बताया गलत

Patna:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हुए हैं. बिहार होते हुए राहुल गांधी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. इस दौरान राहुल गांधी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भी पहुंचे. वहीं, कांग्रेस का दावा है कि जब वे दर्शन के लिए पहुंचे तो राहुल गांधी और अन्य नेताओं को मंदिर में कैमरे के साथ प्रवेश करने से रोक दिया गया. जिस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि स्वाभाविक है, लुटेरे जो होते हैं, वो सबकुछ दिखाना, लूटा है इस देश को, उसका पहले हिसाब दें ना,  जो लोग लूटने वाले लोग हैं, भ्रष्टाचारियों की जमात है, उन्हें सब कुछ दिखाना होता है. कांग्रेस के लोग भी ऐसे ही भ्रष्ट हैं, यह लोग सिर्फ अपनी तस्वीरें दिखाने के लिए गए हैं.

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कांग्रेस नेता ने भाजपा पर लगाया आरोप

आपको बता दें कि यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने भाजपा पर यह आरोप लगाते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर में बीजेपी नेताओं को कैमरा ले जाने की अनुमति है, लेकिन राहुल गांधी को इसकी अमुमति नहीं दी गई. इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर प्रशासन ने भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मंदिर में पूजा करते हुए किसी भी प्रकार की कोई वीडियो जारी नहीं किया. 

भाजपा ने आरोपों को बताया गलत

वहीं, कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की तरफ से कैमरे के लिए कोई अनुमति मांगी ही नहीं गई थी और ना ही कोई अनुरोध को निरस्त की गई है. साथ ही यह भी बताया कि उन्हें यह जानकारी दी गई थी कि राहुल गांधी मंदिर में दर्शन करेंगे, लेकिन कैमरे की कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी. 

राहुल गांधी की बात करें तो वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान लगातार केंद्र सरकार पर हमला करते नजर आ रहे हैं. वाराणसी में उन्होंने लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं मां गंगा के सामने अहंकार के साथ नहीं, सिर झुकाकर आया हूं.  मैं हर किसी से सिर झुकाकर मिल रहा था ताकि यात्रा में जो भी आए, उन्हें यह लगे कि वह अपने भाई से मिलने आए हैं.