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Tourist Destination: एक बार फिर गोलघर से दिखेगा पटना का नजारा, 6 सालों से पड़ा था बंद

96 लाख की लागत से गोलघर के निर्माण का कार्य चल रहा था जो कि अब लगभग पूरा होने को है. जल्द ही फिर से गोलघर को आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा. अब आप फिर से गोलघर की सीढ़ियों पर चढ़कर ऊपर जा कर पूरे पटना का नजारा देख सकेंगे.

Updated on: 06 Jun 2023, 01:18 PM

highlights

  • 96 लाख की लागत से हो रहा निर्माण
  • अनाज भंडारण के लिए होता था उपयोग
  • 6 वर्षों से गोलघर पर नहीं चढ़ पा रहे थे लोग 

Patna:

पिछले 6 सालों से बंद पड़ा पटना का ऐतिहासिक गोलघर एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है. गोलघर की सीढ़ियां टूट चुकी थी और कई जगहों पर क्रैक आ गए थे. जिसके बाद इसे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था और इसका फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था. जिसका काम अब लगभग पूरा हो चुका है. अब आप फिर से गोलघर की सीढ़ियों पर चढ़कर ऊपर जा कर पूरे पटना का नजारा देख सकेंगे. 96 लाख की लागत से इसका निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है. 

96 लाख की लागत से हो रहा निर्माण 

96 लाख की लागत से गोलघर के निर्माण का कार्य चल रहा था जो कि अब लगभग पूरा होने को है. जल्द ही फिर से गोलघर को आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि इसका निर्माण कार्य भारतीय पुरातात्व सर्वेक्षण कर रहा है. कार्य पूरा होने के बाद कुछ कमियां पाई गई थी. जिसको कला संस्कृति विभाग ने उन कमियों को दूर करने की बात कही थी और अब फिर से कुछ कमियों को दूर किया जा रहा है. 

अनाज भंडारण के लिए होता था उपयोग

1770 के अकाल के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी के इंजीनियर कैप्शन जॉन की देखरेख में गोलघर का कार्य प्रारंभ हुआ था और 1786 में इसका कार्य संपन्न हो गया था. इसमें कंपनी अनाज का भंडारण करती थी. प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अनाज भंडारण के लिए उपयोग किया जाने वाला गोलघर आज पटना में पर्यटन का प्रमुख स्थल भी है. 

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6 वर्षों से गोलघर पर नहीं चढ़ पा रहे थे लोग 

आपको बता दें कि गोलघर को देखने बिहार सहित अन्य राज्यों के लोग इन 6 वर्षों में लगातार आते रहे हैं, लेकिन गोलघर की सीढ़ियों से चढ़कर वह पूरे पटना को नहीं देख पा रहे थे. इसका मलाल था, लेकिन फिर भी यहां लोगों की हर दिन भीड़ लगती है. लोग इसे देखने आते हैं. लोगों का कहना है कि पटना में पर्यटन स्थल को जब हमने जानने की कोशिश की तो उसमें गोलघर का नाम भी आता है.

रिपोर्ट - सनी कुमार